भुवनेश्वर, 17 सितंबर: एक वायरल वीडियो ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो शहीद नगर क्षेत्र का है, जहां ईद समारोह के दौरान कुछ युवकों द्वारा सड़कों पर अव्यवस्था और लापरवाही से गाड़ी चलाने के दृश्य देखे जा सकते हैं। इस वीडियो में कथित रूप से ‘नारा ए तकबीर, अल्लाह हू अकबर’ के नारे भी सुनाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के सामने आने के बाद इसे लेकर बहस छिड़ गई है।
वीडियो में दिखाया गया है कि ईद समारोह के नाम पर कुछ मुस्लिम युवक सड़कों पर लापरवाही से गाड़ियाँ चला रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। वीडियो में युवक तेज़ गति से कार चलाते हुए और बीच-बीच में धार्मिक नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। विशेष रूप से एक स्थल पर मंदिर के पास ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे सुनाई देने की बात कही जा रही है, जिससे माहौल और भी संवेदनशील हो गया है।
घटना के समय यातायात के चरम घंटे (पीक आवर्स) थे, जिसके चलते यह लापरवाही सड़क पर जाम और असुविधा का कारण बनी। वीडियो में दिख रही भीड़ को देखकर यह साफ होता है कि सड़क पर यातायात अवरुद्ध हो गया था, और स्थानीय लोग असहाय महसूस कर रहे थे।
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा कि त्योहार मनाने का यह तरीका गलत है, खासकर जब यह अन्य लोगों की परेशानी का कारण बनता है। कई लोगों ने सवाल उठाए कि आखिर कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस कहाँ थी। सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं में लोगों ने प्रशासन से इस पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।
देखिए कहां है कानून व्यवस्था? गुंडों ने ईद समारोह के नाम पर भुवनेश्वर की सड़कों पर कब्ज़ा कर लिया है और राम मंदिर !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) September 16, 2024
शहीद नगर के पास 'नारा ए तकबीर, अल्लाह हू अकबर' के नारे रहे हैं, और पीक आवर्स के दौरान लापरवाही से गाड़ी चला रहे हैं !! pic.twitter.com/6nF7H6Ybha
एक उपयोगकर्ता ने लिखा, "त्योहार मनाना सबका अधिकार है, लेकिन इस तरह से सड़कों पर कब्जा करना और लापरवाही से गाड़ी चलाना किसी भी तरह से सही नहीं है। कानून को इस पर ध्यान देना चाहिए।" वहीं, कुछ लोगों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग न देने की अपील की और इसे व्यक्तिगत जिम्मेदारी का मामला बताया।
वहीं, इस घटना के बाद कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि त्योहार का उद्देश्य आपसी सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देना होता है, न कि किसी को परेशान करना। मुस्लिम समाज के कुछ वरिष्ठ लोगों ने भी इस तरह की हरकतों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे लोग समुदाय की छवि खराब कर रहे हैं। एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, "यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि धार्मिक भावना का भी दुरुपयोग है। हमें ऐसी घटनाओं से दूर रहना चाहिए।"
फिलहाल, पुलिस ने इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस मामले की जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाओं से शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं, और स्थानीय लोगों को सुरक्षा का आश्वासन देने की जरूरत है।
भुवनेश्वर की सड़कों पर ईद समारोह के नाम पर किए गए इस कथित उत्पात ने न केवल कानून व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ाई हैं, बल्कि यह भी सवाल खड़ा किया है कि क्या धार्मिक उत्सवों का इस तरह से सार्वजनिक स्थानों पर आयोजन सही है। जहां एक ओर त्योहार का मनाना हर धर्म के लोगों का अधिकार है, वहीं दूसरी ओर यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक है कि किसी भी सार्वजनिक समारोह से दूसरे लोगों को असुविधा न हो। इस घटना से यह सीखने की जरूरत है कि धार्मिक या अन्य किसी भी उत्सव को मनाने के दौरान शांति और अनुशासन बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
नोट: इस लेख का उद्देश्य केवल वायरल वीडियो पर आधारित तथ्यों की जानकारी देना है। मामले की जांच और प्रशासनिक कार्रवाई के बाद ही इसकी सटीकता की पुष्टि हो सकेगी।