हाल ही में एक टीवी चैनल पर चर्चा के दौरान वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए। सिंह ने दावा किया कि अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान एक बड़े अखबार के स्थानीय संपादक को धमकाया था और कथित तौर पर उसकी गर्दन पर तलवार रख दी थी। यह आरोप सुनने के बाद राजनीति के गलियारों में हलचल मच गई है।
प्रदीप सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव ने संपादक को रात भर बंधक बनाकर रखा और उसे जाने नहीं दिया। इस पूरी घटना का कारण यह बताया जा रहा है कि उस संपादक के अखबार ने अखिलेश यादव से जुड़ी एक खबर प्रकाशित की थी, जो इंटरनेट संस्करण में जारी की गई थी। सिंह का कहना है कि अखिलेश यादव ने खुद इस घटना को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में स्वीकारा था। उन्होंने कहा, "हां, मैंने तलवार लगाई थी," और इसे सही ठहराने का प्रयास किया था।
"अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते एक बड़े अख़बार के स्थानीय सम्पादक की गर्दन पर तलवार रख दी और उसे सारी रात बंधक बनाये रखा" : प्रदीप सिंह
— 🇮🇳 Vishal JyotiDev Agarwal (@JyotiDevSpeaks) September 22, 2024
ये फर्जी पत्रकार टीवी पर बैठकर अखिलेश यादव जी एक लिए कुछ भी बोलता जा रहा है और समाजवादी पार्टी हाथ पर हाथ धरकर बैठी है 😡
कब होश में आओगे… pic.twitter.com/8XCprNDsF3
इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी और उनके समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है। विरोधी दलों ने इस मुद्दे को उठाते हुए अखिलेश यादव पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, समाजवादी पार्टी की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है। पार्टी समर्थकों का कहना है कि ये आरोप निराधार हैं और अखिलेश यादव को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हैं।
सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग अखिलेश यादव और प्रदीप सिंह के बीच चल रहे इस विवाद पर अपने विचार साझा कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या इस आरोप के पीछे कोई ठोस प्रमाण है, या यह महज राजनीति का हिस्सा है?
आखिरकार, यह देखना बाकी है कि इस आरोप का समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की छवि पर क्या प्रभाव पड़ता है, और क्या पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर कोई कदम उठाएगी।