हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति को मुसलमान जैसा चोला पहने और दाढ़ी रखे हुए दिखाया गया है। वीडियो में दावा किया गया है कि इस व्यक्ति का असली नाम **शिव शंकर** है, जो कि एक हिंदू हैं, लेकिन यह व्यक्ति मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए जलील नाम रखकर भीख मांग रहा है। यह वीडियो खासतौर पर उस समुदाय को निशाना बनाते हुए शेयर किया जा रहा है, जिससे नफरत और भ्रामक जानकारी फैल रही है।
वीडियो में कहा गया है, "देखो इन चाचा का नाम है शिव शंकर, और जलील नाम रख करके मुसलमानों जैसा चोला पहन कर दाढ़ी रख कर मुसलमान को बदनाम कर रहे हैं! अरे मांगना है तो अपनी ही पहचान रख कर मांगो, दूसरों को क्यों बदनाम कर रहे हो?"
इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कई लोग इसे सामुदायिक तनाव भड़काने वाली साजिश बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे सिर्फ एक अफवाह कहकर खारिज कर रहे हैं।
देखो इन चाचा का नाम है शिव शंकर, और जलील नाम रख करके मुसलमानो जैसा चोला पहन कर दाढ़ी रख कर मुसलमान को बदनाम कर रहे हैं !!!
— IND Story's (@INDStoryS) September 19, 2024
अरे मांगना है तो अपनी ही पहचान रख कर मांगो, दूसरों को क्यों बदनाम कर रहे हो!🤔 #Garime.....#Drisey #GuccixGulf #GucciIstante pic.twitter.com/hBBTYf21Cy
हालांकि अभी तक इस व्यक्ति की पहचान की पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन ऐसे मामलों में अक्सर पाया जाता है कि गलत जानकारी फैलाकर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के वीडियो का मकसद सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना होता है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर भ्रामक और नफरत फैलाने वाली सामग्री पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है। अफवाहों और गलतफहमी के कारण समाज में गलत धारणाएं फैल सकती हैं, जिसका सीधा असर सामुदायिक संबंधों पर पड़ता है।
ऐसे वीडियो को बिना जांच-पड़ताल के साझा करना न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह समाज में नफरत और विभाजन भी पैदा कर सकता है। लोगों को चाहिए कि वे ऐसी सामग्री को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करें और भ्रामक सूचनाओं से दूर रहें।