मुंबई: भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी के महल एंटीलिया पर एक नया विवाद उभरकर सामने आया है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, अंबानी का महल जिस जमीन पर स्थित है, वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। यह जानकारी सामने आने के बाद से पूरे देश में हलचल मची हुई है। उच्च न्यायालय ने भी इस मामले में गंभीर टिप्पणियां की हैं और कोर्ट कभी भी एंटीलिया को गिराने का फैसला दे सकता है।
सूत्रों के अनुसार, यह जमीन वक्फ बोर्ड की है, जो कि एक धार्मिक ट्रस्ट है और इसे अनाथालय के निर्माण के लिए आरक्षित किया गया था। आरोप है कि अंबानी ने धोखे से इस जमीन को हथिया लिया और एंटीलिया का निर्माण करवा दिया। वक्फ बोर्ड की धारा 32(2) के उल्लंघन के आरोप भी अंबानी पर लगाए गए हैं।
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— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 6, 2024
अंबानी का महल एंटीलिया बचाने के लिए मोदी वक्फ बोर्ड कानून ला रहा है,
जिस जमीन पर अंबानी का महल एंटीलिया बना है वो जमीन वक्फ बोर्ड की है, जिस पर अनाथालय बनना था, पर अंबानी ने धोखे से जमीन हथिया ली,
हाई कोर्ट ने भी माना है कि अंबानी ने जमीन… pic.twitter.com/GdervdYe1O
उच्च न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए टिप्पणी की है कि अंबानी ने वक्फ बोर्ड की नियमावली का उल्लंघन किया है। कोर्ट के अनुसार, अगर वक्फ बोर्ड की तरफ से कानूनी कदम उठाया जाता है, तो एंटीलिया को गिराने का फैसला आ सकता है। इस स्थिति को देखते हुए, अंबानी और उनकी टीम के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस विवाद के समाधान के लिए एक नया कानून लाने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार इस प्रयास में जुटी है कि कैसे इस संवेदनशील मुद्दे को सुलझाया जाए और अंबानी के महल को कानूनी सुरक्षा प्रदान की जा सके। यह कदम अंबानी के महल को बचाने के लिए उठाया जा रहा है, हालांकि इसके लिए सरकार को वक्फ बोर्ड के नियम और कानून में बदलाव की दिशा में भी सोचना होगा।
देश के नागरिकों की ओर से इस कदम की कड़ी आलोचना की जा रही है। कई लोगों का कहना है कि यह कदम करोड़ों नागरिकों के हक को नजरअंदाज करके सिर्फ एक प्रभावशाली व्यक्ति के लिए उठाया जा रहा है। इस मामले को लेकर देशभर में गहमागहमी जारी है और सभी की निगाहें अब अदालत के फैसले पर टिकी हैं।