गोपालगंज, बिहार - बिहार के गोपालगंज जिले में एक अनूठी घटना घटी है जिसने स्थानीय समुदाय और समाज के विभिन्न हिस्सों को चौंका दिया है। कुचायकोट थाने के सासामूसा स्थित दुर्गा मंदिर में मामी शोभा कुमारी और भांजी सुमन ने समलैंगिक विवाह की एक नई मिसाल पेश की है। सोमवार को इस जोड़े ने पारंपरिक तरीके से सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने की कसमें खाई।
इस विवाह की चर्चा तेजी से फैल रही है, और यह न केवल गोपालगंज बल्कि पूरे बिहार और उससे बाहर भी सुर्खियों में है। शोभा कुमारी और सुमन का प्यार समाज की पारंपरिक धारणाओं और अपेक्षाओं को चुनौती देता है। दोनों के परिवार, जो इस विवाह के लिए पहले से तैयार नहीं थे, अब इस नए रिश्ते को स्वीकार करने पर मजबूर हैं।
शोभा और सुमन की कहानी को लेकर स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ लोग इस विवाह को आधुनिक समाज की प्रगति और खुलापन का प्रतीक मान रहे हैं, वहीं अन्य इसे पारंपरिक मान्यताओं और मूल्यों के खिलाफ एक कदम के रूप में देख रहे हैं। इस विवाह ने समाज के विभिन्न हिस्सों में एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें समलैंगिक रिश्तों और उनके अधिकारों पर विचार किया जा रहा है।
सासामूसा स्थित दुर्गा मंदिर में हुए इस विवाह समारोह में विशेष ध्यान दिया गया कि सभी पारंपरिक रस्मों को सही तरीके से निभाया जाए। मंदिर के पुजारी ने इस विवाह को वैध मानते हुए दोनों के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने इस विवाह के कानूनी पहलुओं पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है, ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
इस विवाह ने गोपालगंज और आसपास के क्षेत्रों में समलैंगिक विवाहों को लेकर जागरूकता बढ़ाई है और यह प्रश्न उठाया है कि क्या समाज को अपनी सोच और मान्यताओं में बदलाव लाना चाहिए। यह घटना समाज के विभिन्न पहलुओं को चुनौती देती है और यह देखने योग्य होगा कि इस पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाती है और भविष्य में क्या बदलाव होते हैं।