जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम बापू को 7 दिन की पैरोल दी है। यह पैरोल उनके सीने में दर्द की शिकायत के बाद इलाज कराने के लिए दी गई है। आसाराम, जो यौन शोषण के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, की चिकित्सा स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया है।
आसाराम की पैरोल की अवधि के दौरान उन्हें चिकित्सा देखरेख के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा। जेल अधिकारियों ने बताया कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति की नियमित निगरानी की जाएगी ताकि उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। पैरोल की अवधि के दौरान आसाराम को जेल की सुरक्षा से बाहर रखा जाएगा, लेकिन उनकी गतिविधियों पर पूरी निगरानी रखी जाएगी।
आज ही, बाबा राम रहीम को भी 21 दिन की जमानत मिली है। राम रहीम, जो वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं, को जमानत के रूप में यह अनुमति दी गई है। राम रहीम के वकील ने बताया कि यह जमानत उन्हें चिकित्सा कारणों और अन्य व्यक्तिगत कारणों से दी गई है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को 7 दिन की पैरोल दी। ये पैरोल सीने में दर्द की शिकायत के बाद इलाज कराने के लिए मिली है। यौन शोषण के मामले में आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) August 13, 2024
आज ही बाबा राम रहीम भी 21 दिन के लिए बाहर आया है। pic.twitter.com/ls35uJiZI2
दोनों मामलों में कोर्ट के फैसले ने कई सवाल उठाए हैं, खासकर ऐसे समय में जब इन मामलों को लेकर समाज में काफी संवेदनशीलता है। आसाराम और राम रहीम दोनों ही उच्च-profile अपराधियों में शामिल हैं, और इनकी पैरोल या जमानत से संबंधित फैसले अक्सर मीडिया और जनसंख्या का ध्यान आकर्षित करते हैं।
आसाराम और राम रहीम के मामले की जाँच और उनकी पैरोल की अनुमति पर विचार-विमर्श जारी रहेगा। इसके साथ ही, न्यायपालिका की पारदर्शिता और फैसलों की निष्पक्षता पर चर्चा भी जारी रहेगी।
जेल प्रशासन और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि पैरोल और जमानत का उद्देश्य केवल चिकित्सा देखरेख सुनिश्चित करना है, लेकिन समाज में इन फैसलों को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन फैसलों का समाज और कानूनी प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ता है।