फ़ोटो - पुणे का चंद्रचूड़ वाड़ा
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अनुसूचित जाति से नफ़रत की गहराई और इतिहास की छायाएँ 1818 के भीमा कोरेगाँव की लड़ाई में निहित हैं। दिलीप मंडल ने अपने लेख में इस पर गंभीर प्रकाश डाला है, जिसमें चंद्रचूड़ परिवार की पेशवा वंशजता और उसकी सामाजिक धारा को चुनौती दी है।
चंद्रचूड़ परिवार पेशवा के वंशज हैं, और पुणे में स्थित उनका महल 'चंद्रचूड़ वाड़ा' आज भी अपनी पुरानी शान की गवाही देता है। अरबों की जायदाद और ऐश्वर्य के बावजूद, पेशवा के इतिहास में दलितों के प्रति नफ़रत की कहानी छिपी हुई है।
चंद्रचूड़ की अनुसूचित जाति से नफ़रत का राज 1818 के भीमा कोरेगाँव में छिपा है।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) August 3, 2024
चंद्रचूड़ का परिवार पेशवा के वंश का है। पुणे में पेशवा के महल से एक घंटे की दूरी पर चंद्रचूड़ परिवार का महल चंद्रचूड़ वाड़ा आज भी अपनी पुरानी शान की गवाही देता है। अरबों की जायदाद है।
पेशवा ने… pic.twitter.com/wtv4cMpdyr
पेशवा ने शिवाजी महाराज के वंशजों से उनका राज छीनकर मराठा साम्राज्य अपने हाथ में ले लिया था। सातारा क़िले में कैद रहने के बाद, जनता के आक्रोश को पेशवा की अय्याशी ने और बढ़ा दिया। पेशवा का महल वेश्याओं के नाच का अड्डा बन गया, जिसे आज भी पुणे के लोग अनैतिक मानते हैं।
पेशवा के दलित विरोधी विचार और व्यवहार किसी से छिपे नहीं हैं। पेशवा ने जाति भेदभाव को बढ़ावा दिया और हिंदू समाज को बदनाम किया। उनके द्वारा सिंधिया-ब्रिटिश युद्ध में अंग्रेजों के साथ मिलकर लड़ने ने भारत में ब्रिटिश राज की राह खोल दी। सिंधिया ने इसे पेशवा की दग़ाबाज़ी का परिणाम माना।
भीमा कोरेगाँव की लड़ाई ने पेशवा की स्थिति को कमजोर कर दिया। चंद्रचूड़ के परिवार के वैभव का भी अंत हुआ और भीमा कोरेगाँव का विजय स्तंभ बाबा साहब अंबेडकर की प्रिय जगह बन गया, जो मानव गरिमा की बहाली का प्रतीक बना।
हाल ही में, चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट को भीमा कोरेगाँव की लड़ाई का अगला मैदान बना दिया है, जिससे जाति की नफ़रत और सामाजिक बंटवारे की गूंज आज भी सुनाई देती है। लेकिन 2024 में जागरूक समाज के मुकाबले उनकी हार और जीत का इतिहास अब पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट है।
चंद्रचूड़ की जातिवादी नीतियाँ और उनके परिवार की ऐतिहासिक धरोहर के बीच का संघर्ष आज भी जारी है, और यह समाज के समक्ष महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा करता है कि क्या इतिहास की परतें वर्तमान को नया दृष्टिकोण दे सकती हैं।