राजस्थान: भारत बंद के संदर्भ में आज एक प्रमुख बयान देते हुए दुर्जन सिंह राजपूत ने समाज में एकता और समानता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जय भीम का उद्घोष करते हुए अपने विचार साझा किए और कहा, "जय भीम हमारा जो इस समाज है हिंदू समाज और हमारे हिंदू समाज की सबसे अहम और सबसे पहली कड़ी है वो दलित और शोषित वर्ग है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस समाज पर अगर कभी कोई आंच आती है तो हम सबका फर्ज और क्षत्रियों का धर्म बन जाता है कि हम दलितों के साथ में खड़े रहकर उनके हकों की लड़ाई लड़ें। हमने हमेशा हमेशा हमेशा के लिए किसी के भी हक का अगर हनन हुआ है तो क्षत्रिय समाज सबसे आगे खड़ा हुआ है।"
एससी एसटी के भारत बंद को लेकर दुर्जन सिंह ( क्षत्रिय राजपूत ) ने क्या कुछ कहा सुने #भारत_बंद
— आदिवासी समाचार (@AadivasiSamachr) August 21, 2024
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दुर्जन सिंह राजपूत ने अपने बयान में दलित और शोषित वर्ग के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि क्षत्रिय समाज, जो हमेशा से अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहा है, आज भी समानता और न्याय की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उनका मानना है कि हिंदू समाज की सबसे अहम कड़ी दलित और शोषित वर्ग है, और उनके अधिकारों की सुरक्षा करना क्षत्रियों का धर्म है।
राजपूत ने अपने बयान में यह भी कहा कि क्षत्रिय समाज ने हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है और वह किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा हुआ है। "हमने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि अगर किसी के भी हक का हनन होता है, तो क्षत्रिय समाज सबसे पहले उसके पक्ष में खड़ा हो," उन्होंने कहा।
उनका यह बयान उस समय आया है जब देश भर में विभिन्न समाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत बंद की पृष्ठभूमि में, दुर्जन सिंह राजपूत का यह संदेश समाज में एकता और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करता है। उन्होंने सभी वर्गों को साथ आने और दलितों के अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया।
दुर्जन सिंह राजपूत के इस बयान ने हिंदू समाज के भीतर के विविधतापूर्ण वर्गों के बीच एकता और सामंजस्य की जरूरत को भी रेखांकित किया है। यह बयान स्पष्ट रूप से दिखाता है कि क्षत्रिय समाज दलितों के अधिकारों की रक्षा के प्रति सदैव सजग और तत्पर रहा है और रहेगा।