पटना: अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण से जुड़े हालिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की घोषणा की है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय दलित समाज को विभाजित करने वाला है।
चिराग पासवान ने कहा, "हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करती है। इस फैसले को लेकर हम पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे क्योंकि यह दलित समाज को बांटने वाला है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय छुआछूत को ध्यान में रखते हुए किया गया था, तो अब इसे आर्थिक आधार से क्यों जोड़ा जा रहा है।
केंद्र सरकार ने एससी एसटी वर्गों में उप वर्गीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया तो एनडीए सरकार का जाना तय व सुनिश्चित हैं। #SaveReservationpic.twitter.com/Omcv7VI9Hs
— Tribal Army (@TribalArmy) August 3, 2024
लोक जनशक्ति पार्टी के अनुसार, यह निर्णय सामाजिक आधार पर आरक्षण को आर्थिक आधार पर वर्गीकृत करने की कोशिश है, जो कि पूरी तरह गलत है। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें ताकि एससी-एसटी समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोका जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एससी और एसटी आरक्षण में 'सब कैटगरी' बनाने की मंजूरी दी है, जिसके तहत आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न व्यक्तियों को आरक्षण से बाहर रखने की नीति लागू की जाएगी। चिराग पासवान का कहना है कि आरक्षण का मूल आधार आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक है, और यह फैसला दलित समाज के विभाजन की संभावना को बढ़ा सकता है।