प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश: प्रतापगढ़ जिले के पुराना माल गोदाम रेलवे कॉलोनी में एक दलित विधवा महिला की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई है। महिला का आरोप है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई करने में विफल रही है, जिससे न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
पीड़ित महिला, प्रमिला देवी, ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी नाबालिग बेटी के साथ हुई इस घटना के बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्रमिला देवी के अनुसार, ना तो पुलिस के दरोगा और ना ही एसपी या डीएसपी ने उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद भी, आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
महिला ने बताया कि आरोपियों द्वारा उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। प्रमिला देवी ने कहा, "हमारा नाम प्रमिला देवी है, हम प्रतापगढ़ जिले के पुराना माल गोदाम रेलवे कॉलोनी के रहने वाले हैं। हमारी बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई है और जब हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो ना ही पुलिस वालों ने हमारी सुनी और ना ही एसपी या डीएसपी ने। हमें अब तक न्याय नहीं मिला है।"
उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में एक दलित विधवा महिला की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ के बाद भी आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। यह न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है। हम मांग करते है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और पीड़ित परिवार को न्याय मिले। #DalitLivesMatter pic.twitter.com/48KUDjVepM
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) August 29, 2024
प्रमिला देवी ने आगे कहा कि आरोपियों द्वारा उन्हें धमकाया जा रहा है और उनकी हत्या की धमकी भी दी जा रही है, लेकिन पुलिस उनकी सहायता नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, "आरोपी हमें रोज धमकाते हैं और हमारी हत्या की धमकी देते हैं, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही है। अगर हमारी हत्या हो जाती है, तो इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी। हमें न्याय चाहिए।"
इस घटना ने प्रतापगढ़ जिले में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों ने भी इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रमिला देवी और उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और प्रशासन को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या प्रयास करता है।