18 साल पहले मेरे बड़े भाई बेचारे योगेंद्र यादव का भयंकर उत्पीड़न अनुसूचित जाति के “दबंगों” ने किया था, तब से ही वे अनुसूचित जाति का बँटवारा चाहते हैं।
योगेन्द्र जी को मनमोहन सरकार ने सरकारी टेक्स्ट बुक लिखवाने का ज़िम्मा दिया था। उनके मार्गदर्शन में NCERT के टेक्स्ट बुक में बाबा साहब को अपमानित करने वाला एक कार्टून छपा और करोड़ों बच्चों की किताबों में पहुँच गया। इस कार्टून में नेहरू बाबा साहब को कोड़े मार रहे हैं!
The SC’s verdict on SC/ST sub-classification isn’t about weakening reservations, but about ensuring fairness within it. It strengthens solidarity of the oppressed by making the distribution of benefits more equitable and addresses deep-rooted inequities within the community.… pic.twitter.com/hVHFULdGuP
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 11, 2024
लेकिन तथाकथित “दबंग” एससी के लोगों ने किताब में ये छापने के खिलाफ आंदोलन कर दिया। बाबा साहब के सम्मान में वे सड़कों पर आ गए। संसद में बवाल मच गया।
शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल को ये कार्टून वापस लेना पड़ा और योगेन्द्र जी की ये वाली नौकरी या सलाहकारी चली गई। साथ में उनकी यूजीसी के मेंबर वाली नौकरी भी चली गई। ये लाभ के पद थे।
18 साल पहले मेरे बड़े भाई बेचारे योगेंद्र यादव का भयंकर उत्पीड़न अनुसूचित जाति के “दबंगों” ने किया था, तब से ही वे अनुसूचित जाति का बँटवारा चाहते हैं।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) August 10, 2024
योगेन्द्र जी को मनमोहन सरकार ने सरकारी टेक्स्ट बुक लिखवाने का ज़िम्मा दिया था। उनके मार्गदर्शन में NCERT के टेक्स्ट बुक में… pic.twitter.com/xPvcqo0iR2
तो इस तरह योगेन्द्र जी को पता चला कि दलित हमेशा दलित नहीं होता। वे “दबंग” भी होते हैं। वे “उत्पीड़न” भी करते हैं। योगेन्द्र जी भुक्तभोगी हैं बेचारे।
तो योगेन्द्र यादव जब लिखें कि दलित सिर्फ़ दलित नहीं, दबंग भी होते हैं और उनका बँटवारा कर देना चाहिए तो आप लोगों को बुरा नहीं मानना चाहिए और उसके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। ये उनका पर्सनल मैटर है। वे बेचारे पीड़ित हैं। भाई योगेन्द्र यादव का शोषण हुआ है।
लेखक- प्रोफेसर दिलीप मंडल