सांकेतिक चित्र
कुशीनगर, यूपी: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक मदरसे के शिक्षक पर एक नाबालिग दलित हिंदू लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कर, उसका नाम बदलने और उसे गर्भवती करने का गंभीर आरोप लगा है। घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी शिक्षक मोहम्मद ओवैस, जो पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, कुशीनगर के एक मदरसे में पढ़ाता था। उसने कथित तौर पर नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर इस्लाम में धर्मांतरण करवाया और उसका नाम बदलकर रानी खातून रख दिया। यह आरोप है कि धर्म परिवर्तन के बाद उसने लड़की को गर्भवती कर दिया।
नया दिन नया लव जिहाद
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) August 14, 2024
कुशीनगर, यूपी: एक मदरसे में शिक्षक मोहम्मद ओवैस ने कथित तौर पर एक नाबालिग दलित हिंदू लड़की को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया।
उसने उसका नाम बदलकर रानी खातून रख दिया और उसे गर्भवती कर दिया। औवेसी पश्चिम बंगाल से हैं.
पुलिस ने उसे POCSO अधिनियम और धर्म… pic.twitter.com/BAdZIZJqaF
इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी मोहम्मद ओवैस को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता के तहत यौन शोषण के गंभीर आरोप के अलावा, पॉक्सो (POCSO) अधिनियम और उत्तर प्रदेश के धर्म परिवर्तन कानून की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
स्थानीय पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हर संभव पहलू से जांच की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नाबालिग लड़की की मेडिकल जांच करवाई जा रही है, ताकि घटना से संबंधित सभी तथ्यों को स्पष्ट किया जा सके। वहीं, आरोपी के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है कि क्या उसने पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है।
इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। स्थानीय निवासियों और हिंदू संगठनों ने इस घटना के विरोध में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह "लव जिहाद" का एक और मामला है, जिसमें मासूम हिंदू लड़कियों को बहकाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।
वहीं, राज्य सरकार भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। कुशीनगर की इस घटना ने एक बार फिर से "लव जिहाद" और धर्मांतरण के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है, और प्रशासन की तत्परता और न्याय की मांग को लेकर जनता की निगाहें अब इस केस की आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया पर टिकी हैं।