केदारनाथ के पवित्र यात्रा मार्ग पर भीमबली क्षेत्र में बीती रात बादल फटने की घटना से एक गंभीर आपदा उत्पन्न हो गई है। इस घटनाक्रम में दो प्रमुख पुल बह गए, जिससे पैदल यात्रा मार्ग पूरी तरह से वाशआउट हो गया है। यह क्षेत्र रामबाडा से थोड़ा पहले स्थित है, जो कि 2013 की आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। अब, हालात लगभग वही दिख रहे हैं जो पिछले दशक में देखे गए थे।
सूत्रों के अनुसार, बारिश के कारण हुए अत्यधिक जलस्तर के चलते भीमबली क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ गई। इस बाढ़ ने दोनों पुलों को बहा दिया और यात्रा मार्ग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया। इस स्थिति ने यात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं, क्योंकि यह मार्ग केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले प्रमुख रास्तों में से एक है।
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भीमबली क्षेत्र में जहां बादल फटने की सूचना थी, वहाँ दो पुल भी बह गए। पैदल यात्रा मार्ग पूरी तरह से वाशआउट हो गया।
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) August 1, 2024
यह स्थान रामबाडा से थोड़ा पहले है, हालाँकि रामबाडा 2013 की आपदा में नक़्शे से मिट गया था। ऐसे ही हालात बीती रात में पैदा हो गये थे।… pic.twitter.com/39bjLtEwmR
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मगर, मौजूदा स्थिति को देखते हुए यात्रियों को मार्ग पर यात्रा करने से मना किया गया है। अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुएं प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचाई जा सकें। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक आपातकालीन प्रतिक्रिया दल भी तैनात किया गया है।
यह घटना केदारनाथ क्षेत्र में पूर्ववर्ती आपदाओं की यादें ताजा कर देती है। 2013 में भीषण बाढ़ और भूस्खलन के कारण रामबाडा और आस-पास के कई क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गए थे। रामबाडा को मानचित्र से मिट जाने के बाद, यह क्षेत्र फिर से कई वर्षों तक पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में रहा। अब, भीमबली में हालिया घटनाओं ने उन यादों को फिर से जिंदा कर दिया है और इसे फिर से उबारने के प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
स्थानीय प्रशासन और बचाव दल वर्तमान में स्थिति की गंभीरता का आंकलन कर रहे हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं। यात्रियों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित रहने के लिए यात्रा की योजना को स्थगित करें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।
हालात पर नजर रखी जा रही है और जैसे-जैसे राहत कार्य आगे बढ़ेंगे, प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति में सुधार होने की उम्मीद की जा रही है।