प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज लाल किले से अपने भाषण में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है और अनेक बार इसके लिए आदेश भी दिए हैं। एक बड़ा वर्ग यह मानता है कि वर्तमान सिविल कोड वास्तव में एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है, जो भेदभाव को बढ़ावा देता है।"
UCC पार लाल क़िले से बोले PM मोदी।
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) August 15, 2024
जब PM सुप्रीम कोर्ट का हवाला दे रहे थे तब सामने ही बैठे थे CJI DY चंद्रचूड़। उनका रिएक्शन देखिए।
तो क्या अब यूनिफॉर्म सिविल कोड की तैयारी है? pic.twitter.com/qEBDsNvVXb
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम संविधान के 78 वर्ष मना रहे हैं, तो यह उचित समय है कि हम इस विषय पर गहन विचार-विमर्श करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की भावना भी हमें ऐसा करने के लिए प्रेरित करती है, और सुप्रीम कोर्ट भी हमें इसके लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा, "जो सपना संविधान निर्माताओं ने देखा था, उसे पूरा करना हमारा दायित्व है। इस गंभीर विषय पर देश में व्यापक चर्चा होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने विचार रखने का अवसर मिलना चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे कानून जो धर्म के आधार पर भेदभाव करते हैं और समाज में ऊंच-नीच का कारण बनते हैं, उन्हें आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, "अब समय की मांग है कि देश में एक सेकुलर सिविल कोड हो। हमने पिछले 75 साल कमल सिविल कोड के तहत बिताए हैं, अब हमें सेकुलर सिविल कोड की ओर बढ़ना चाहिए।"
मोदी जी ने इस बात पर भी बल दिया कि धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे आम नागरिक को मुक्ति दिलाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, "जब हम एक सेकुलर सिविल कोड की दिशा में कदम बढ़ाएंगे, तभी हमारे देश के नागरिकों के बीच समानता और न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा।" प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के अंत में सभी देशवासियों से अपील की कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार-विमर्श करें और देश को एक न्यायपूर्ण समाज की ओर ले जाने में अपना योगदान दें।