नई दिल्ली: हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 9 साल की उम्र से पहले पीरियड्स आने वाली लड़कियों की संख्या में दोगुना से भी ज्यादा वृद्धि हुई है। यह अध्ययन भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है, और इसमें इस समस्या के बढ़ने के पीछे कई कारकों की पहचान की गई है।
शोध के अनुसार, पिछले दो दशकों में, 9 साल की उम्र से पहले मासिक धर्म शुरू करने वाली लड़कियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें बदलती जीवनशैली, आहार में परिवर्तन, और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं।
अध्ययन के प्रमुख लेखक, डॉ. सुमित शर्मा ने कहा, "यह चिंताजनक प्रवृत्ति स्वास्थ्य के लिए कई गंभीर समस्याओं का संकेत देती है। जल्दी मासिक धर्म की शुरुआत से लड़कियों में हार्मोनल असंतुलन, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, और भविष्य में प्रजनन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।"
विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक आहार, जिसमें अधिक शर्करा और वसा युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हैं, इस समस्या का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधि की कमी और तनाव भी इस प्रवृत्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
इस अध्ययन के परिणामों के बाद, विशेषज्ञों ने माता-पिता और शिक्षकों को सलाह दी है कि वे बच्चों की आहार और जीवनशैली पर ध्यान दें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं। इसके साथ ही, समाज में इस मुद्दे के बारे में जागरूकता फैलाना भी महत्वपूर्ण है ताकि इस समस्या के निवारण के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।
इस शोध ने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है: क्या हमें बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल में अधिक सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है? इसके उत्तर के लिए और गहन अध्ययन की आवश्यकता है, लेकिन इस अध्ययन के निष्कर्ष निश्चित रूप से हमारे समाज के लिए एक चेतावनी संकेत हैं।