चेंबूर रेलवे स्टेशन के पास एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सैकड़ों लोग ट्रेन की पटरी पर पूजा करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों ने पटरी को 'पटरी देवी' मानकर उसकी पूजा कर रहे हैं। इस दृश्य को देखकर यह सवाल उठता है कि आखिर अंधभक्ति की सीमा कहाँ तक जाती है?
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि श्रद्धालु पटरी पर मोर पंख, फूल, और दीपक रखकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इस अजीबो-गरीब पूजा के पीछे कोई धार्मिक या आध्यात्मिक मान्यता नहीं है, बल्कि यह अंधभक्ति की एक बेतुकी मिसाल है। समाज में ऐसी घटनाएँ मन को विचलित कर देती हैं और यह प्रश्न खड़ा करती हैं कि लोग किस हद तक अंधभक्ति में खो सकते हैं।
क्या बोले अब नहीं तो काटने पर दौड़ जाएंगे भक्तगण 🤣🙉🙈🙊और एक भगवान उत्पत्ति हो गई
— Sunny (@SunnyWa32028847) August 9, 2024
रेलगाड़ी की पटरी देवी 🤣🤦 @AadiiAarvind @AaskarDeva10621 @agnihotri_bipin @AKELA_PERSON @Amoghsiddhii @margdata8705 @Shera__0014 @machan_baba42 @mahakaalkabaap @devilalbarod45 @surya_sinh88 pic.twitter.com/gRGubkiAF9
इस तरह की अंधभक्ति न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है। रेलवे की पटरी पर भीड़ जमा करना न केवल यातायात को प्रभावित करता है, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना को भी बढ़ा देता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।
लोकप्रियता की होड़ और अंधभक्ति की पराकाष्ठा ने समाज के विभिन्न वर्गों को चिंतित कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अंधभक्ति और अज्ञानता की इस स्थिति को ठीक करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें सिखाना चाहिए कि भक्ति के नाम पर अपनी और दूसरों की जान को जोखिम में डालना कितना खतरनाक हो सकता है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह दिखाया है कि समाज में धार्मिक अंधभक्ति की स्थिति कितनी विकृत हो सकती है। लोगों को समझाना होगा कि सच्ची भक्ति वह है जो जीवन और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, न कि अंधविश्वास और अंधभक्ति के नाम पर जानमाल की कीमत चुकाना।