यूट्यूब पर चर्चित शख्सियत ध्रुव राठी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने जातिवाद और जातिगत आरक्षण पर तीखा बयान दिया है। राठी का कहना है कि जातिगत आरक्षण उन लोगों के लिए है, जिन्हें सैकड़ों वर्षों से कुचला गया और शिक्षा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया।
राठी ने वीडियो में कहा कि आज भी जातिवाद चरम सीमा पर है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से जातिवाद की अमानवीयता को उजागर किया। उनके अनुसार, दलितों को समाज में कई बार अपमान का सामना करना पड़ता है—कभी मूछें रखने पर, कभी घोड़ी पर चढ़ने से रोके जाने पर, और यहां तक कि मासूम बच्चों को पानी का मटका छूने पर भी पीटा जाता है।
जातिवाद और आरक्षण को लेकर ध्रुव राठी का जबरदस्त वीडियो...
— Bharat jaypal (@bharatjaipal46) August 6, 2024
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राठी ने गोदी पत्रकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें लगता ही नहीं कि देश में जातिवाद अब भी मौजूद है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया में छपने वाली शादी की खबरों में भी जाति को एक महत्वपूर्ण मानक के रूप में देखा जाता है, जिससे जातिवाद की जड़ों की गहराई का पता चलता है।
राठी का तर्क है कि जब तक जातिवाद रहेगा, तब तक जातिगत आरक्षण की आवश्यकता भी बनी रहेगी। उनका कहना है कि जातिगत आरक्षण का अंत तब ही संभव है जब जातिवाद का पूरी तरह से अंत हो जाए। इस तरह, उन्होंने जातिवाद और आरक्षण के मुद्दे को लेकर समाज में एक गंभीर चर्चा की शुरुआत की है।
उनके वीडियो ने दर्शकों और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर नई बहस को जन्म दिया है। राठी का यह बयान जातिवाद और आरक्षण के मुद्दे पर सामाजिक और राजनीतिक विचार-विमर्श को और भी सजीव बनाने का काम करेगा।