नई दिल्ली: पूर्व चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने चुनाव आयोग पर उठ रहे सवालों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुरैशी ने कहा है कि चुनाव आयोग को उठ रहे सभी सवालों का जवाब देना चाहिए, और इसे चुप रहने की तनखाह नहीं मिलती है। उनका यह बयान ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में पड़े वोटों और गिने गए वोटों के डेटा का मिलान न होने के मुद्दे पर आया है।
हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, कुछ ईवीएम में पड़े वोट और गिने गए वोटों के डेटा में असंगतियां देखी गई हैं, जिससे कई लोगों के मन में प्रश्न उठ रहे हैं। इस संदर्भ में कुरैशी ने चुनाव आयोग पर सीधा आरोप लगाया कि वह इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है, जबकि उसकी जिम्मेदारी है कि वह जनता के सभी सवालों के जवाब दे।
Very BIG BREAKING 📢#EVM में पड़े वोट और गिने गए वोटों के डेटा का मिलान ना होने पर पूर्व चुनाव आयुक्त #एस_वाई_कुरैशी जी ने भी सवाल उठाये,
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 5, 2024
✍️ चुना आयोग को उठ रहे सभी सवालों का जवाब देना चाहिए, उसको चुप रहने की तनखाह नहीं मिलती है।
✍️ सुप्रीम कोर्ट को इसका स्वत संज्ञान लेकर… pic.twitter.com/ECGybP5mJk
कुरैशी ने यह भी कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और एक विस्तृत जांच करनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर थोड़ी सी भी गड़बड़ी या धांधली पायी जाती है, तो सुप्रीम कोर्ट को 2024 का पूरा चुनाव रद्द कर फिर से वोटिंग करवानी चाहिए।
कुरैशी के बयान ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया है। उनका मानना है कि चुनाव आयोग को अपनी प्रक्रियाओं को और अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाना चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
इस विवाद ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है और इसने सरकार और न्यायपालिका से त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। चुनाव आयोग की भूमिका और जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह आवश्यक हो गया है कि सभी संदेहों का समाधान शीघ्रता से किया जाए, ताकि लोकतंत्र की नींव मजबूत बनी रहे।