उत्तर प्रदेश के निलंबित दरोगा ने हाल ही में एक पत्रकार को दिए गए इंटरव्यू में प्रदेश सरकार और पुलिस महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर पोल खोली है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिश्वतखोरी का पैसा सीधे निचले स्तर के पुलिसकर्मियों से लेकर उच्च अधिकारियों और यहां तक कि सरकार के उच्चतम पदों तक पहुंचता है।
दरोगा ने अपनी पहचान उजागर किए बिना कहा कि यदि आईपीएस अधिकारी और राज्य सरकार सख्त कदम उठाएं, तो किसी सिपाही या दरोगा के लिए रिश्वत लेना संभव नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार का नेटवर्क बहुत व्यापक है और इसके चक्रव्यूह में हर स्तर पर शामिल लोग हैं।
उनका कहना है कि रिश्वतखोरी का पैसा न केवल दरोगा और सिपाही के पास जाता है, बल्कि सीधे तौर पर आईपीएस अधिकारियों और अन्य उच्च पदाधिकारियों तक भी पहुंचता है। जब इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होता है, तो आमतौर पर निचले स्तर के पुलिसकर्मियों को ही बलि का बकरा बना दिया जाता है।
घर का भेदी लंका ढाए,योगी जी देखें पूरे कुएं में भ्रष्टाचार की भांग पड़ी है!स्वयं निलंबित दरोगा जी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के IPS व सरकार की पोल खोल के रख दी हैं..😢#VideoViral #UPPolice pic.twitter.com/hhF4Q2fR1q
— Tushar Rai (@tusharcrai) July 31, 2024
निलंबित दरोगा ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार यदि पूरी ईमानदारी और सख्ती से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करे, तो वह दिन दूर नहीं जब रिश्वतखोरी की समस्या समाप्त हो सकती है। उनका यह भी कहना था कि शासन की सख्ती के बिना यह भ्रष्टाचार का धंधा निरंतर जारी रहेगा और सच्चे अपराधी, जो उच्च पदों पर बैठे हैं, बचते रहेंगे।
इस खुलासे ने प्रदेश में एक नई बहस को जन्म दिया है। जनता और विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। योगी सरकार पर यह सवाल उठने लगा है कि वह इस भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम कब उठाएगी और क्या सचमुच वह सख्त कार्रवाई कर सकेगी?
इस स्थिति ने प्रशासन और पुलिस महकमे के बीच गहरे विवाद और असंतोष की ओर इशारा किया है, जो भविष्य में सरकारी नीतियों और प्रशासनिक सुधारों की दिशा को प्रभावित कर सकता है।