लखनऊ: लखनऊ के मेदांता अस्पताल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां चित्रकूट के कर्वी निवासी विनोद केशरवानी ने अपने पिता का इलाज कराने के दौरान एक भयानक अनुभव का सामना किया। विनोद ने बताया कि उनके पिता को बेहतर स्वास्थ्य स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन तीन दिनों के भीतर ही उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा।
विनोद का आरोप है कि अस्पताल ने जांच और इलाज के नाम पर उनसे दो लाख रुपये का शुल्क लिया। हालांकि, यह शुल्क यहीं नहीं रुका। अगले दस दिनों में इलाज के नाम पर लगभग 20 लाख रुपये की वसूली की गई। अंत में, इस बड़े खर्चे के बावजूद, अस्पताल ने उनके पिता को डिस्चार्ज कर दिया।
#लखनऊ
— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) August 25, 2024
👉🏾 मेदांता अस्पताल और भाजपा नेताओं की हकीकत जान लीजिए, शायद आपको भी कभी जाना पड़ जाए। वीडियो जरूर देखें/सुनें।
👉🏾 यह हैं चित्रकूट कर्वी निवासी विनोद केशरवानी जो अपने पिता को लेकर मेदांता अस्पताल गए थे।
👉🏾 जब मरीज को लेकर गए तब हालात अच्छी थी लेकिन तीन दिन बाद ऐसी हालात… pic.twitter.com/CYShC9pLRz
विनोद केशरवानी, जो कि एक प्रतिष्ठित व्यापारी हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई बड़े नेताओं से करीबी संपर्क रखते हैं, ने जब मदद के लिए भाजपा नेताओं से संपर्क किया तो उन्हें निराशा हाथ लगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और नंद गोपाल नंदी सहित कई प्रमुख नेताओं को फोन किया, लेकिन इस संकट की घड़ी में कोई भी उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया।
इस घटना ने न केवल मेदांता अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि भाजपा नेताओं की चुप्पी पर भी सवालिया निशान लगाया है। विनोद ने अपने वीडियो में कहा कि अगर उनके साथ, जो कि एक सक्षम और सशक्त व्यक्ति हैं, ऐसा हो सकता है, तो आम जनता के साथ क्या हो रहा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने सरकार की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक सक्षम व्यक्ति को इस प्रकार की मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है, तो आम लोगों की स्थिति कितनी भयावह हो सकती है। यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवा की वर्तमान स्थिति पर, बल्कि नेताओं की असंवेदनशीलता पर भी प्रकाश डालती है।
विनोद केशरवानी ने उम्मीद जताई है कि उनके पिता शीघ्र ही स्वस्थ होंगे और उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की है कि इस तरह की घटनाएं किसी और के साथ न हों। उनके इस अनुभव ने अस्पतालों में चल रही लूट और नेताओं की चुप्पी पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है।
अभिमन्यु सिंह की X पोस्ट