नई दिल्ली: भारतीय पहलवान विनेश फोगट के संन्यास की घोषणा के बाद वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े और आशिष चित्राण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर तीखी आलोचना की है। विनेश ने अपने करियर को अलविदा कहते हुए माफी मांगी और यह कहकर सनसनी मचा दी कि देश उसके लायक नहीं है।
अशोक वानखेड़े ने कहा, "विनेश ने संन्यास लेते समय माफी मांगकर सही किया, क्योंकि यह देश उसके लायक नहीं है। जब हमारी बहन-बेटियों की इज्जत की नीलामी हो रही हो और सरकार मौन हो, तो इस देश को किसी भी प्रकार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।"
वानखेड़े ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हार के बाद विनेश को समर्थन देने का वादा किया, लेकिन जब विनेश के साथ यौन शोषण हो रहा था और वह इंसाफ की गुहार लगा रही थी, तब मोदी क्यों चुप थे? उन्होंने कहा, "जब विनेश अपने अधिकारों की मांग कर रही थी, तब मोदी ढोकला और फ़फ़ड़ा खाकर घर में बैठे रहे। यह देश के प्रति उनकी संवेदनशीलता की पराकाष्ठा है।"
BIG BREAKING 📢#विनेश_फोगट के संन्यास लेने पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े जी और @ashishchitran10 जी भड़के और जमकर मोदी और उपराष्ट्रपति धनखड़ को लताड़ा,
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 9, 2024
✍️ संन्यास लेते समय विनेश ने माफी मांग कर बिल्कुल सही किया, क्योंकि ये देश उसके लायक ही नहीं है
✍️ यहाँ बहु बेटियों की… pic.twitter.com/KdrsqbXKcF
वहीं, उपराष्ट्रपति धनखड़ पर भी वानखेड़े ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "धनखड़ आज संसद में विनेश फोगट पर चर्चा करने की मांग पर आहत हो रहे थे, लेकिन उस समय वे क्यों नहीं आहत हुए जब विनेश इंसाफ मांग रही थी? जब विनेश को जंतर-मंतर पर घसीटा जा रहा था, तब वे कहां थे? अपनी कुर्सी की मर्यादा क्यों नहीं रखी?"
आशिष चित्राण ने भी इस पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी खुद को 140 करोड़ देशवासियों का अभिभावक बताते हैं, लेकिन यह कैसा अभिभावक है जो देश की बहन-बेटियों की सुरक्षा नहीं कर सकता? ऐसे अभिभावकों पर थू है।"
यह आलोचनाएँ इस बात की ओर इशारा करती हैं कि देश में खेल और खेलकूद के क्षेत्र में सुरक्षा और सम्मान की व्यवस्था कितनी कमजोर हो चुकी है। विनेश फोगट के संन्यास की यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या देश की व्यवस्था और नेतृत्व ने सचमुच खेलकूद और उसके एथलीट्स के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है।