एक हालिया रिपोर्ट ने एक चिंताजनक संभावना जताई है कि आने वाले समय में केवल लड़कियों का जन्म हो सकता है, क्योंकि पुरुषों में Y क्रोमोसोम धीरे-धीरे घटता जा रहा है। यह स्थिति इंसानी अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकती है, हालांकि Y क्रोमोसोम के खत्म होने में लाखों साल लग सकते हैं। यदि इंसानों ने Y क्रोमोसोम के विकल्प के तौर पर एक नया जीन विकसित नहीं किया, तो यह इंसानियत के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है।
भ्रूण का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
भ्रूण का लिंग, उसके माता-पिता के गुणसूत्रों पर निर्भर करता है। महिलाओं के पास दो X क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों के पास एक X और एक Y क्रोमोसोम होता है। जब महिला और पुरुष के X और Y क्रोमोसोम मिलते हैं, तो लड़का पैदा होता है। Y क्रोमोसोम का होना लड़का पैदा होने के लिए जरूरी है, इसलिए अगर यह क्रोमोसोम खत्म हो जाता है, तो केवल लड़कियां ही जन्म लेंगी और मानव जाति का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
Y क्रोमोसोम का पतन और संभावनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, Y क्रोमोसोम धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। पिछले 166 मिलियन वर्षों में Y क्रोमोसोम ने 900 जीन से घटकर केवल 55 जीन तक सीमित हो गया है। यदि यह दर जारी रहती है, तो अगले 11 मिलियन वर्षों में Y क्रोमोसोम पूरी तरह समाप्त हो सकता है। हालांकि, कांटेदार चूहों पर किए गए एक अध्ययन ने एक नई संभावना को जन्म दिया है। इन चूहों ने एक नया लिंग निर्धारण जीन विकसित किया है, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि मनुष्य भी एक वैकल्पिक जीन विकसित कर सकता है। लेकिन यह प्रक्रिया जोखिमों से भरी हो सकती है और इसे एक निश्चित विकल्प मान लेना जल्दबाजी होगी।
वाय क्रोमोसोम के बिना जीवन की संभावना
वैज्ञानिकों को यह जानकर राहत मिली है कि पूर्वी यूरोप और जापान के कांटेदार चूहों की कुछ प्रजातियां Y क्रोमोसोम खोने के बाद भी जीवित हैं। इन चूहों में X क्रोमोसोम ही दोनों लिंगों के लिए काम करता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये बिना Y क्रोमोसोम के लिंग का निर्धारण कैसे करते हैं।
इस अध्ययन ने मानव भविष्य के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि Y क्रोमोसोम गायब हो जाता है, तो पृथ्वी पर इंसान का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। इस परिदृश्य को देखते हुए, वाय क्रोमोसोम का अंत मानव जाति के लिए एक बड़े संकट का कारण बन सकता है।
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