हाल ही में हुए चुनावों में वोटिंग में धांधली के गंभीर आरोप सामने आए हैं। एडवोकेट महमूद प्राचा ने इस मामले पर गंभीर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग से सभी सीटों की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की है। उनका कहना है कि चुनाव में गड़बड़ी की बातें पहले से ही उठ रही थीं और अगर इन आरोपों में सच्चाई नहीं है, तो चुनाव आयोग को अपनी पारदर्शिता साबित करनी चाहिए।
प्राचा ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दिया था कि वे एक-एक वोट का हिसाब रखते हैं, लेकिन अब सामने आ रही गड़बड़ी के चलते ये दावे संदेहास्पद हो गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग इसलिए किया कि इससे वोटों की गिनती में आसानी होती है, तो फिर वोटों में अंतर कैसे आ गया?
📢 वोटिंग में हुई धांधली पर एडवोकेट महमूद प्राचा जी,
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 5, 2024
🔹 हम तो शुरू से कहते आ रहे हैं कि गड़बड़ी हो रही है, अगर गड़बड़ी नहीं हुई हैं तो चुना आयोग सभी सीट की सीसीटीवी फुटेज वीडियोग्राफी सर्वजनिक कर दे,
🔹 चुना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट मे हलफनामा दिया था कि हम एक एक वोट का हिसाब… pic.twitter.com/TqrRgqyp11
प्राचा ने जोर देते हुए कहा कि चुनाव आयोग अब वोटिंग में हुई चोरी के आरोपों से बच नहीं सकता। उनका कहना है कि ईवीएम के माध्यम से वोटिंग में भारी अंतर आ रहा है, जिससे चुनाव आयोग के सफाई देने के रास्ते भी बंद हो गए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि 2024 के चुनावों को रद्द कर एक बार फिर से निष्पक्ष चुनाव करवाए जाएं।
प्राचा ने यह भी घोषणा की कि वे विपक्ष के 100 सांसदों से हस्ताक्षर करवा कर चुनाव आयोग को हटवाने की कोशिश करेंगे। उनका मानना है कि भविष्य में चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम से धांधली को रोकने के लिए केवल जन आंदोलन ही एक प्रभावी समाधान हो सकता है।
प्राचा ने जनता से अपील की है कि वे अपने अधिकारों के लिए जागरूक रहें और निष्पक्ष चुनाव के लिए संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि देश को उसकी चुनी हुई सरकार चाहिए, न कि ईवीएम द्वारा चयनित सरकार।