नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार राजू पारुलेकर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि राहुल गांधी ने भारतीय राजनीति के प्रमुख खिलाड़ियों जैसे अडानी, अंबानी, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत और अजीत डोभाल के द्वारा चलाए जा रहे छद्मचक्र को तोड़ दिया है। पारुलेकर का कहना है कि राहुल गांधी के भीतर हार का कोई डर नहीं है क्योंकि वे जनता की सच्ची लड़ाई लड़ रहे हैं, और उनकी यह लड़ाई किसी भी जीत या हार से परे है।
राजू पारुलेकर ने अपने बयान में कहा, "राहुल गांधी ने उन सभी ताकतवर लोगों के खिलाफ खड़े होकर, जिन्होंने सत्ता और प्रभाव का दुरुपयोग किया है, एक नई उम्मीद की किरण दी है। वे सत्ता के दलालों और बड़े उद्योगपतियों के प्रभाव को चुनौती दे रहे हैं, और इसके लिए उन्हें कोई भय नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी की लड़ाई व्यक्तिगत लाभ की बजाय जनहित की है, और यही उनकी वास्तविक ताकत है।
#राहुल_गाँधी जी ने अडानी, अंबानी मोदी, शाह, मोहन भागवत और अजीत डोभाल का #छद्मचक्र तोड़ दिया है,
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 12, 2024
राहुल जी के मन में हार का डर नहीं है क्योंकि वो जनता की लडाई लड़ रहे हैं और उनकी लडाई हार-जीत से परे है,
इसलिए ये लडाई निश्चित रूप से जीतेंगे!
वरिष्ठ पत्रकार@rajuparulekar जी🔥🔥… pic.twitter.com/5f8KisoZ2g
पारुलेकर का कहना है कि वर्तमान में राजनीति में जो छद्मचक्र चल रहा है, उसमें अमीर और प्रभावशाली लोगों के बीच की संधि और सत्ता का खेल प्रमुख है। लेकिन राहुल गांधी ने इस खेल को उजागर किया है और जनता के सामने सच्चाई को लाने का साहस दिखाया है। पारुलेकर का मानना है कि इस संघर्ष में राहुल गांधी की स्पष्टता और ईमानदारी ही उन्हें अंतिम विजय की ओर ले जाएगी।
पारुलेकर ने यह भी बताया कि राहुल गांधी के द्वारा किए गए प्रयास सिर्फ चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये एक बड़े सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि इस समय देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो न केवल सत्ता के गलियारों में खेलें बल्कि आम जनता के मुद्दों पर भी ध्यान दें।
राहुल गांधी का यह संघर्ष न केवल उनके राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के लोकतंत्र और समाज के लिए भी एक बड़ी चुनौती और अवसर है। पारुलेकर का दावा है कि राहुल गांधी की यह लड़ाई निश्चित रूप से जीतने वाली है क्योंकि यह केवल व्यक्तिगत लाभ की नहीं, बल्कि समाज के व्यापक हित की लड़ाई है।