अब फ्रिज, बाइक और 15 हजार तक वेतन वालों को भी प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिलेगा, जाने आवेदन करने की सबसे सरल प्रक्रिया

हाल ही में शासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के तहत पात्रता के नियमों में अहम संशोधन किया है, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों को लाभ मिलने की संभावना है। अब इस योजना के तहत ऐसे आवेदक भी पात्र माने जाएंगे जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपये तक है, जिनके पास लैंडलाइन फोन, बाइक, और फ्रिज जैसी सुविधाएं हैं। पहले के नियमों के अनुसार, यदि आवेदक की मासिक आय 10 हजार रुपये से अधिक होती और उनके पास बाइक होती, तो उन्हें सत्यापन के दौरान योजना के लिए अपात्र घोषित कर दिया जाता था, जिससे वे इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ पाने से वंचित रह जाते थे।

इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ मिल सके। पहले के कठोर नियमों के कारण कई जरूरतमंद परिवार योजना से वंचित रह जाते थे। नए नियमों के लागू होने के बाद, अब इन सुविधाओं के होते हुए भी आवेदक योजना का लाभ ले सकेंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत, लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए तीन किस्तों में कुल 1.20 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। पहली किस्त के रूप में 70 हजार रुपये, दूसरी किस्त के रूप में 40 हजार रुपये, और तीसरी किस्त के रूप में 10 हजार रुपये की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है। यह राशि घर बनाने या उसके पुनर्निर्माण में उपयोग की जाती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद परिवारों को एक स्थायी छत मुहैया कराई जा सके।

डीआरडीए (जिला ग्रामीण विकास अभिकरण) के परियोजना निदेशक, दयाराम यादव ने बताया कि इस संशोधन से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा, "नए नियमों के लागू होने से अब वे आवेदक भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे जिनके पास बाइक, लैंडलाइन फोन, या फ्रिज जैसी सुविधाएं हैं। यह बदलाव गरीब परिवारों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें अपात्र होने का डर नहीं रहेगा।"

इस बदलाव से सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान मिले, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके। यह संशोधन सरकार के उस दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभान्वित करने की प्रतिबद्धता झलकती है। 

ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अब इस योजना के तहत आसानी से आवेदन कर सकते हैं और अपनी आवास संबंधी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। इस कदम से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पहुंच और प्रभावशीलता में और अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) में आवेदन करने की प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और बेघर परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होता है:

 1. पात्रता की जांच:

   - सबसे पहले, आवेदक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इस योजना के तहत पात्र हैं। पात्रता की जांच के लिए, आवेदक की वार्षिक आय, परिवार के सदस्यों की संख्या, और अन्य शर्तें जैसे कि आवेदक के पास पक्का मकान न होना आदि का ध्यान रखा जाता है।

 2. आवेदन पत्र भरना:

   - आवेदन के लिए, आवेदक को निर्धारित फॉर्म भरना होता है। यह फॉर्म पंचायत कार्यालय, ब्लॉक ऑफिस, या जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (DRDA) से प्राप्त किया जा सकता है। कुछ राज्यों में यह फॉर्म ऑनलाइन भी उपलब्ध हो सकता है।

 3. दस्तावेजों की आवश्यकता:

   आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है:

   - पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, आदि।

   - आय प्रमाण पत्र: आवेदक की मासिक आय का प्रमाण।

   - पता प्रमाण: निवास प्रमाण पत्र, बिजली बिल, पानी का बिल, आदि।

   - बैंक खाता विवरण: बैंक पासबुक की प्रति।

   - फोटोग्राफ: आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो।

 4. आवेदन की सबमिशन:

   - पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र और आवश्यक दस्तावेज संबंधित पंचायत कार्यालय या ब्लॉक ऑफिस में जमा किया जाता है। यदि आवेदन ऑनलाइन है, तो दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड किया जाता है।

 5. सत्यापन:

   - आवेदन जमा करने के बाद, जिला या ब्लॉक स्तर पर आवेदक के दस्तावेजों और जानकारी का सत्यापन किया जाता है। सत्यापन के बाद, पात्र आवेदकों की सूची तैयार की जाती है।

 6. लाभार्थी चयन और धनराशि आवंटन:

   - सत्यापन के बाद, पात्र आवेदकों को योजना के तहत लाभार्थी सूची में शामिल किया जाता है। इसके बाद, आवास निर्माण के लिए धनराशि तीन किस्तों में सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है।

 7. निर्माण कार्य की प्रगति:

   - लाभार्थी को आवंटित राशि का उपयोग घर बनाने के लिए करना होता है। निर्माण कार्य की प्रगति के आधार पर दूसरी और तीसरी किस्त जारी की जाती है। पंचायत और जिला स्तर पर निर्माण कार्य की निगरानी की जाती है।

 8. रिपोर्टिंग और फीडबैक:

   - घर के निर्माण के बाद, लाभार्थी को इसकी रिपोर्ट पंचायत या ब्लॉक ऑफिस में देनी होती है। इसके अलावा, योजना के तहत मिले लाभ और किसी भी समस्या के बारे में फीडबैक भी दिया जा सकता है।

 9. समाप्ति और समर्पण:

   - घर के निर्माण के बाद, लाभार्थी को यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी शर्तों का पालन किया गया है और संबंधित अधिकारियों को इसकी रिपोर्टिंग की जाती है।

इस प्रकार, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवेदन की प्रक्रिया पूरी होती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों को पक्का मकान प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

Rangin Duniya

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