केदारनाथ धाम में 1000 से अधिक श्रद्धालु और यात्री अब भी फंसे हुए हैं, जबकि लिंचौली और भीमबली के बीच 500 से ज्यादा लोग मुश्किल में हैं। प्राकृतिक आपदाओं के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है, और अब रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौती का सामना किया जा रहा है।
स्थानीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि रेस्क्यू ऑपरेशन आज शुरू हुआ, लेकिन मौसम की स्थिति को देखते हुए यह काम बहुत कठिन साबित हो रहा है। मौसम के साफ होने पर ही राहत कार्यों को पूरा किया जा सकेगा। यदि आसमान खुला रहा तो सभी फंसे हुए यात्रियों और स्थानीय निवासियों को कल तक सुरक्षित निकालने की उम्मीद है, लेकिन अगर मौसम ने साथ नहीं दिया, तो फिलहाल प्रतीक्षा के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा।
1000 से ज़्यादा लोग केदारनाथ धाम में फँसे है और 500 से ज़्यादा लिंचौली और भीमबली के बीच। रेस्क्यू आज शुरू होते ही ख़त्म हो गया।
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) August 2, 2024
रेस्क्यू चलने का मुख्य आधार मौसम का साफ़ होना है। आसमान खुला रहा तो कल ही सभी यात्री और स्थानीय लोग निकाल लिये जाएँगे, अन्यथा प्रतीक्षा करने के अलावा… pic.twitter.com/WIbql7duRy
केदारनाथ घाटी में स्थिति काफी गंभीर हो गई है। पैदल रास्ते कई जगह से वाशआउट हो गए हैं, जिससे लोगों को थोड़ी दूरी तय करना भी मुश्किल हो रहा है। मंदाकिनी नदी के वेग के साथ बहने से जोखिम और बढ़ गया है। नदी के पास जाने से लोग जोखिम में हैं, जिससे बचने के लिए काफी सावधानी बरती जा रही है।
वर्तमान में स्थानीय प्रशासन और राहत कार्यकर्ता अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। बचाव कार्यों को गति देने के लिए विशेष टीमों की तैनाती की गई है, जो हर संभव प्रयास कर रही हैं कि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा सके।
एक दिल दहला देने वाला वीडियो भी सामने आया है, जिसमें फंसे हुए लोगों की मुश्किलें और राहत कार्यों की झलक देखने को मिलती है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोगों से इस स्थिति के प्रति संवेदनशीलता और सहायता की अपील की जा रही है।
उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में मौसम की स्थिति में सुधार होगा और राहत कार्य तेजी से संपन्न होंगे। तब तक लोगों से अनुरोध है कि वे धैर्य रखें और प्रशासन की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पालन करें।