लखनऊ, 31 अगस्त 2024: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो बहन मायावती ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC/ST समुदायों को वर्गीकृत करने के प्रयास पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे न केवल SC-ST वर्ग को विभाजित करने की साजिश बताया, बल्कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मानवतावादी सोच और मिशन के खिलाफ भी करार दिया।
बहन जी का यह बयान किसी राजनीतिक चाल का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दे पर आधारित है, जिसका प्रभाव पूरे बहुजन समाज पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास समुदाय की एकता और संघर्ष को कमजोर करने की साजिश है।
कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सरकारों की विभाजनकारी राजनीति की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारें इस मुद्दे पर दोहरे मापदंड अपना रही हैं। बहन जी ने जोर देकर कहा कि बसपा का मुख्य उद्देश्य दलित, पिछड़े, आदिवासी और अन्य शोषित वर्गों को जोड़कर एक सशक्त 'बहुजन समाज' का निर्माण करना है।
SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के मुद्दे पर अपनी पार्टी की अडिग स्थिति को दोहराते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग बाबा साहेब की मिशनरी सोच को नहीं अपनाते, उनका बसपा में कोई स्थान नहीं है।
कांग्रेस पार्टी और उसके इण्डिया गठबन्धन पर निशाना साधते हुए बहन जी ने कहा कि उनकी ‘फूट डालो, राज करो’ की रणनीति अब बेनकाब हो गई है। उन्होंने बहुजन समाज से सजग और संगठित रहने का आह्वान किया, ताकि ऐसी विभाजनकारी नीतियों को विफल किया जा सके।
साथ ही, बहन जी ने बसपा के सदस्यों को साफ संदेश दिया कि पार्टी संविधान पर चलने वाली पार्टी है। अगर किसी सदस्य को संविधान प्रदत्त आरक्षण से दिक्कत है, तो उसे पार्टी छोड़ देनी चाहिए। यह संदेश पूरे बहुजन समाज के लिए एक चेतावनी और प्रेरणा दोनों है।
अपने जीवन को बहुजन समाज के उत्थान और उनकी एकता के लिए समर्पित करने वाली बहन जी ने कहा कि उनके नेतृत्व में हमें एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा और बाबा साहेब के मिशन को आगे बढ़ाना होगा।