नई दिल्ली: कट्टरपंथी मौलाना साजिद रशीदी ने एक विवादित बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर भारतीय सरकार वक़्फ़ एक्ट में कोई बदलाव करती है, तो हिंदुस्तान का मुसलमान सड़कों पर उतर जाएगा और इससे देश बंटवारे के कगार पर पहुंच सकता है। मौलाना रशीदी का यह बयान धार्मिक और राजनीतिक नेताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
मौलाना साजिद रशीदी ने अपने बयान में कहा, "सरकार को वक़्फ़ एक्ट के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ, तो मुसलमानों की प्रतिक्रिया बेहद गंभीर हो सकती है। हम फिलहाल शांत हैं, लेकिन अगर हमें भड़काया गया, तो इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।" उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि वह वक़्फ़ एक्ट के प्रति अपनी गहरी चिंता और असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।
गलती से भी वक़्फ़ एक्ट को न छेड़े सरकार।
— NCIB Uttar Pradesh (@proncibup) August 5, 2024
अगर वक़्फ़ एक्ट में बदलाव हुआ तो सड़कों पर उतर जाएगा हिंदुस्तान का मुसलमान।
अभी हम मुसलमान शांत हैं, हमें भड़काने की कोशिश न करे सरकार।
अगर मुसलमान भड़क गया तो देश बंटवारे के कगार पर आ जाएगा।
कट्टरपंथी मौलाना साजिद रशीदी का विवादित…
वक़्फ़ एक्ट, जो भारत में मुसलमानों द्वारा वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बनाया गया है, लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। मौलाना रशीदी का मानना है कि इस एक्ट में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ मुसलमानों के बीच असंतोष और विरोध को जन्म दे सकती है। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में देश में धार्मिक तनाव बढ़ सकता है, जो कि देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाल सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौलाना रशीदी के बयान से सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। हालांकि, कई राजनीतिक नेताओं ने मौलाना के बयान को अतिशयोक्तिपूर्ण और भड़काऊ करार दिया है। उनका कहना है कि किसी भी प्रकार की राजनीति को धार्मिक भावनाओं के साथ जोड़ना देश की सामाजिक शांति को बाधित कर सकता है।
सरकार ने मौलाना रशीदी के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह मामला आने वाले दिनों में और विवादों को जन्म दे सकता है। वक़्फ़ एक्ट में संभावित बदलाव और उसकी राजनीति पर नज़र रखना अब महत्वपूर्ण हो गया है।