लोकसभा और राज्यसभा के सत्रों की लाइव स्ट्रीमिंग अक्सर संसद टीवी के माध्यम से की जाती है, और इन सत्रों के वीडियो संसद टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किए जाते हैं। हाल ही में 3 अगस्त को अपलोड किए गए एक विशेष वीडियो ने सांसदों के बीच लोकप्रियता के एक नए पैमाने को उजागर किया। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद के वीडियो अपलोड किए गए।
आम तौर पर, नेताओं की लोकप्रियता का आंकलन उनके सोशल मीडिया पर दर्शकों की संख्या से किया जाता है। इस संदर्भ में, नरेंद्र मोदी के दो वीडियो क्रमशः 68 हजार और 31 हजार व्यूज के साथ अपलोड किए गए। वहीं राहुल गांधी के वीडियो ने 7 लाख 2 हजार व्यूज का आंकड़ा छू लिया। अखिलेश यादव के वीडियो पर 3 लाख 85 हजार व्यूज आए।
लेकिन इन सबके बीच सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा चंद्रशेखर आजाद के वीडियो से आया। उनके वीडियो को 8 लाख 12 हजार बार देखा गया, जो राहुल गांधी से भी ज्यादा है। यह स्पष्ट करता है कि चंद्रशेखर आजाद की लोकप्रियता और उनके बयानों के प्रति लोगों की रुचि बेहद उच्च स्तर पर है।
सोशल मीडिया आज के समय में किसी भी व्यक्ति की लोकप्रियता का मापदंड बन चुका है। यहाँ पर फ्री में किसी को भी सुना और देखा जा सकता है। इसलिए वीडियो के व्यूज की संख्या एक प्रमुख संकेतक होती है कि लोग किसे ज्यादा पसंद करते हैं और किसे सुनने में रुचि रखते हैं। चंद्रशेखर आजाद की इस उच्च संख्या ने यह साबित कर दिया है कि उनके विचार और भाषण जनता में गहरा असर छोड़ रहे हैं।
कुछ लोग सवाल उठा सकते हैं कि क्या सिर्फ वीडियो के व्यूज से किसी की लोकप्रियता का सही आकलन किया जा सकता है। यह सही है कि यह आंकड़ा पूरी तस्वीर नहीं दिखाता, लेकिन यह निश्चित रूप से एक संकेतक है कि लोग किस सांसद को अधिक महत्व दे रहे हैं और किसकी बातों को गंभीरता से सुन रहे हैं।
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