पटना: गरीब, पिछड़े और दलित समुदाय के सबसे बड़े नेता, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने हाल ही में SC/ST में सब कैटेगरी को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। यह बयान भारतीय समाज में जातिगत न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मांझी ने इस फैसले का खुलकर स्वागत किया और माननीय सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया।
जीतन राम मांझी ने अपने बयान में कहा, “SC/ST सब कैटेगरी का निर्णय उन वर्गों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है जो वर्षों से समाज के विकास में पीछे रह गए थे। यह निर्णय न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गरीब और पिछड़े वर्गों के हित में एक सराहनीय पहल बताया और इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा।
मेहरबान, कदरदान, साहिबान, हो जाइए सावधान। बहुत बड़ी ब्रेकिंग न्यूज है।-
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) August 5, 2024
गरीब पिछड़े दलितों के सबसे बड़े नेता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का SC/ST में सब कैटेगरी को लेकर बहुत बड़ा बयान। उन्होंने इसका दिल खोलकर ना सिर्फ स्वागत/समर्थन किया बल्कि माननीय सुप्रीम कोर्ट… pic.twitter.com/ep9VykMfwa
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया यह निर्णय समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस फैसले को एक न्यायपूर्ण और व्यापक दृष्टिकोण के साथ लिया गया कदम बताया और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया।
मांझी ने इस अवसर पर विरोध करने वाले स्वार्थी लोगों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं, जो कि समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान के खिलाफ है। मांझी ने ऐसे लोगों को जमकर फटकार लगाई और उन्हें समाज के विकास के प्रति अपने दृष्टिकोण को सुधारने की सलाह दी।
इस फैसले से SC/ST वर्गों में सब कैटेगरी की व्यवस्था को लागू किया जाएगा, जिससे इन वर्गों के भीतर अधिक विशिष्ट समूहों को भी आरक्षण और अन्य लाभ मिल सकेंगे। यह निर्णय समाज में समान अवसरों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जीतन राम मांझी के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है और यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। इस फैसले के लागू होने के बाद से SC/ST वर्गों के अंदर विभिन्न समूहों को मिलने वाले लाभों में वृद्धि हो सकती है, जो समाज के विभिन्न हिस्सों में समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।