हाल ही में एक विवादास्पद बयान देते हुए कथावाचक अनुरूद्धाचार्य ने दावा किया कि यदि गाय को पहले गेहूं खिलाया जाए, और फिर उसके गोबर से निकले गेहूं को सुखाकर पीसा जाए, तो उस गेहूं से भगवान को भोग लगाने के बाद उसी का सेवन करने से लड़का पैदा होता है। इस अजीबोगरीब बयान के बाद समाज में काफी हंगामा मच गया।
टीवी 9 भारतवर्ष पर डिबेट के दौरान JNU के प्रोफेसर गंगा सहाय ने इस ढोंगी बाबा की पोल खोलते हुए कहा कि इस प्रकार के झूठे दावों से समाज को गुमराह करना बेहद खतरनाक है। प्रोफेसर सहाय ने स्पष्ट किया कि विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि बच्चे का जन्म केवल स्त्री और पुरुष के मिलन से ही संभव है। उन्होंने कहा, "आप अपने भक्तों से भी पूछ लें कि क्या वे गोबर खाकर पैदा हुए हैं या फिर स्त्री-पुरुष के मिलन से।"
प्रोफेसर गंगा सहाय ने बाबा के इस झूठ को उजागर करते हुए कहा कि ऐसे ढोंगी बाबा समाज में अंधविश्वास फैलाकर लोगों को गुमराह करते हैं। विज्ञान की सच्चाई को दरकिनार कर इस प्रकार की बातें समाज को पथभ्रष्ट करती हैं और लोगों को असत्य के मार्ग पर ले जाती हैं।
जेएनयू प्रोफेसर गंगा सहाय सर ने बाबा कों लपेट दिया
— ममता राजगढ़ (@rajgarh_mamta1) August 15, 2024
अंधभक्तों की सुनो गोबर से जो गेहूं निकलता है उससे बच्चे पैदा होते है 😂😂 pic.twitter.com/tW2WwtWh0g
"अब समय आ गया है कि समाज में जागरूकता फैलाई जाए और इस प्रकार के ढोंगियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। विज्ञान ने अब यह पूर्ण रूप से प्रमाणित कर दिया है कि बच्चे का जन्म केवल प्राकृतिक प्रक्रिया से ही होता है, और इस तरह के किसी भी झूठे दावे का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है," प्रोफेसर सहाय ने जोर देकर कहा।
अनुरूद्धाचार्य जैसे लोग समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं, जिससे समाज में भ्रांतियां फैलती हैं। प्रोफेसर सहाय ने दर्शकों को सावधान करते हुए कहा कि हमें अपने विश्वासों और धार्मिक आस्थाओं को विज्ञान और सच्चाई के साथ जोड़कर देखना चाहिए, न कि ऐसे ढोंगी बाबाओं के बहकावे में आना चाहिए।
यह घटना यह साबित करती है कि आज के युग में भी समाज में ऐसे लोग मौजूद हैं जो अंधविश्वास और झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी जागरूक रहें और सत्य और वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर ही अपनी धारणाओं को बनाए रखें।
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