कानपुर में पुलिस के अमानवीय चेहरे का एक और मामला सामने आया है। एक लड़के को पुलिस ने जबरन उठाया, उसे 10 हजार रुपये देने के लिए मजबूर किया, और जब वह पैसे नहीं दे पाया, तो उसे बेरहमी से पीटा गया। हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस ने उसे जूते से पानी भी पिलाया। इस शर्मनाक घटना का खुलासा लड़के की माँ ने किया, जो भारी दिल से अपने बेटे के साथ हुए इस अत्याचार को बयां कर रही है।
माँ का दर्द छलकता है जब वह बताती हैं कि कैसे उनके बेटे को सिर्फ इसलिए सताया गया क्योंकि वह गरीब था। एक माँ के लिए अपने बच्चे को इस हालत में देखना किसी बुरे सपने से कम नहीं होता, लेकिन यूपी पुलिस की बर्बरता ने इस माँ के जीवन को दुःस्वप्न में बदल दिया। एक माँ जो अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के सपने देखती है, वह अब पुलिस के इस अत्याचार से डरी और सहमी हुई है।
कानपुर में पुलिस ने जबरन एक लड़के को उठाया, उससे 10 हजार रूपये मांगे और न देने पर उसे बुरी तरह पीटा. इतना ही नहीं पुलिस ने उसे जूते से पानी भी पिलाया.
— UP Congress (@INCUttarPradesh) August 25, 2024
यह घटना पीड़ित नहीं बल्कि उसकी माँ बता रही है. सोचिए! कितने भारी कलेजे से एक माँ ने ये बात कही होगी.
एक माँ अपने बच्चे के साथ… pic.twitter.com/BxG9feicbo
यह घटना न केवल कानपुर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। क्या एक आम नागरिक को सुरक्षा देने के बजाय डराने-धमकाने का काम पुलिस का है? क्या पुलिस को किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार करने का अधिकार है? यदि लड़के ने कोई गुनाह किया भी हो, तो भी उसके साथ ऐसा बर्ताव किस कानून के तहत किया गया?
यूपी में पुलिसिया बर्बरता के ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कमजोर और गरीब लोगों पर अत्याचार करना जैसे उनकी आदत बन गई है। यह घटना हमारे समाज के उन कमजोर वर्गों की आवाज़ है, जिन्हें पुलिस की सुरक्षा के बजाय डर और धमकियों का सामना करना पड़ता है। आखिर कब थमेगी यूपी पुलिस की यह बर्बरता? इस सवाल का जवाब आज हर उत्तर प्रदेशवासी जानना चाहता है।