नई दिल्ली: अनिरुद्धाचार्य, जो अक्सर अपने विवादास्पद बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं, एक बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने गाय के मूत्र को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिसने सोशल मीडिया और आम जनता के बीच खलबली मचा दी है। उनका कहना है, "इस दुनिया में सिर्फ गाय का मूत्र ही पीने लायक है, गंगाजल से ज्यादा शुद्ध किसी का मूत्र है तो वो गौमूत्र है।"
गौमुत्र गंगा जल से भी ज्यादा पवित्र है :- अनिरुद्धाचार्य पांडेय
— Rationality 😎😎 (@rationalguy777) August 25, 2024
Goumutra is the secret of his energy .😎
😁😁#Brahmingenes pic.twitter.com/DorUlKUnzT
अनिरुद्धाचार्य के इस बयान को लेकर कई लोग हैरान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गाय को गेहूं खिलाकर और फिर उसके गोबर से गेहूं निकालकर पीसने से भगवान प्रसन्न होंगे और इसे खाने से संतान प्राप्ति होगी। उनके इन बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि इस तरह के अवैज्ञानिक तर्क न सिर्फ समाज में भ्रम फैलाते हैं, बल्कि पाखंड को भी बढ़ावा देते हैं।
गंगाजल, जिसे हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है, और जिसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है, उसे गाय के मूत्र से कमतर बताना लोगों को खासा नागवार गुज़रा है। गंगाजल को हमेशा से शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना गया है, जबकि गाय के मूत्र को आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। लेकिन अनिरुद्धाचार्य के इस तर्क ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
जनता के बीच इस बयान को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग इसे धार्मिक आस्था का विषय मानते हैं, जबकि अन्य इसे अंधविश्वास और पाखंड का प्रतीक मानते हैं। ऐसे बयानों से न सिर्फ समाज में भ्रम फैलता है, बल्कि वैज्ञानिक सोच और तर्कशीलता पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है।
आपका क्या मानना है? क्या गंगाजल से ज्यादा शुद्ध है गाय का मूत्र? इस विवाद पर अपनी राय कमेंट में जरूर दें।
(रंगीन दुनिया आपके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब से ताज़ा खबरें, वायरल ट्रेंड्स और जानकारी लाता है। ऊपर दी गई पोस्ट सीधे उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया अकाउंट से ली गई है और रंगीन दुनिया ने इसकी सामग्री में कोई बदलाव नहीं किया है। सोशल मीडिया पोस्ट में व्यक्त किए गए विचार और जानकारी रंगीन दुनिया की राय नहीं दर्शाते हैं, और इसके लिए रंगीन दुनिया कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है और किसी भी हालत में जिम्मेदार नहीं है।)