हाल ही में सोशल मीडिया पर बाबा अनुरूद्धाचार्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने एक सवाल के जवाब में भारत और अमेरिका के बीच के अंतर को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। वीडियो में दो लड़कियां बाबा से पूछती हैं कि भारत और अमेरिका में क्या अंतर है। इस पर बाबा ने जो जवाब दिया, उसने न केवल लोगों को चौंकाया बल्कि उनकी आलोचना का भी शिकार हो गया।
बाबा अनुरूद्धाचार्य ने कहा, "जैसे हमारे भारत में आधार कार्ड होता है, उसी तरह अमेरिका में ग्रीन कार्ड होता है। हमारे आधार कार्ड में माता और पिता दोनों का नाम होता है जबकि अमेरिका के ग्रीन कार्ड में सिर्फ माता का नाम होता है। पिता का नाम इसलिए नहीं होता क्योंकि अमेरिका में पिता कन्फर्म ही नहीं होता है।"
अमेरिका और भारत में अंतर....😂😂
— Inderjeet Barak🌾 (@inderjeetbarak) August 25, 2024
स्वामी ह_रामखोराचार्य का एक और अदभुत उपदेश, सुनिए। pic.twitter.com/2dS4laCIPh
बाबा का यह बयान सुनते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी तीखी आलोचना शुरू कर दी। कई लोगों का कहना है कि बाबा का यह बयान न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि यह उनके सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण पर भी सवाल खड़े करता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विभिन्न विशेषज्ञों ने बाबा के इस बयान को निराधार और अनुचित बताया है। अमेरिका में ग्रीन कार्ड एक आधिकारिक दस्तावेज़ है जो वहां के नागरिकों को स्थायी निवास का दर्जा देता है, और इसमें माता-पिता के नाम का उल्लेख नहीं होता है। इसके अलावा, पिता के कन्फर्मेशन को लेकर दिया गया बयान भी पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
सनातन धर्म पर प्रभाव
बाबा अनुरूद्धाचार्य के इस तरह के बयानों ने न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को धूमिल किया है, बल्कि इससे सनातन धर्म की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है। कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने बाबा के इस बयान की निंदा की है और कहा है कि धर्मगुरुओं से अपेक्षा की जाती है कि वे समाज में सच्चाई और सही जानकारी का प्रचार करें, न कि भ्रामक तथ्यों के माध्यम से धर्म और समाज को शर्मिंदा करें।
बाबा अनुरूद्धाचार्य का यह बयान एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि किसी भी सार्वजनिक व्यक्ति को अपनी बात कहते समय सतर्क और जिम्मेदार होना चाहिए। खासकर जब वह किसी धर्म या संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहा हो। उम्मीद की जाती है कि बाबा अनुरूद्धाचार्य भविष्य में ऐसे बयान देने से बचेंगे जो न केवल गलत हों, बल्कि समाज में भ्रामक धारणाएं भी फैलाएं।