भोपाल, 26 अगस्त 2024 - मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक सभा को संबोधित करते हुए एक विवादास्पद बयान दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा, "रहीम रसखान यहां की माटी में अपने आप को जोड़ कर के चले तो आज सदियों से उनका हम स्मरण करते हैं, लेकिन सावधान जो यहां का खाता है और कहीं और का बजाता है, यह नहीं चलेगा। भारत के अंदर रहना होगा तो राम और कृष्ण की जय कहना होगा।"
मुख्यमंत्री यादव के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषकों ने बीजेपी के विचारधारा के तहत हिंदू धर्म के प्रतीकों का राजनीतिकरण करने का एक और प्रयास बताया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पार्टी 4 जून के चुनाव परिणामों से बाहर आने की कोशिश कर रही है, जहां पार्टी को अपेक्षाकृत कम सफलता मिली थी।
भाजपा के मुख्यमंत्री अलग ही मोड में हैं. MP के CM मोहन यादव ने बहुत बड़ा बयान दिया है-
— Abhay Pratap Singh (बहुत सरल हूं) (@IAbhay_Pratap) August 26, 2024
'अगर भारत में रहना है तो राम और कृष्ण की जय कहना है'
4 जून के मोड से भाजपा बाहर आ रही है
pic.twitter.com/ofdasV2aVC
मुख्यमंत्री यादव ने अपने संबोधन में रहीम और रसखान जैसे ऐतिहासिक कवियों का जिक्र करते हुए यह समझाने की कोशिश की कि कैसे उन्होंने भारतीय संस्कृति में खुद को पूरी तरह से समाहित किया था। लेकिन उनके बयान का दूसरा हिस्सा, जिसमें उन्होंने कहा कि "जो यहां का खाता है और कहीं और का बजाता है, यह नहीं चलेगा," को कई लोग देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर हमला मान रहे हैं।
राजनीतिक विपक्ष ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पर धर्म और राजनीति को मिलाकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाया है। वहीं, बीजेपी के समर्थकों ने मुख्यमंत्री के बयान को भारत की सांस्कृतिक एकता और अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक बताया है।
यह बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नए मोड़ की ओर इशारा करता है, जहां बीजेपी एक बार फिर हिंदुत्व की राजनीति को प्रमुखता दे रही है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस बयान का राजनीतिक प्रभाव क्या होता है और आने वाले समय में राज्य की राजनीति किस दिशा में जाती है।