नई दिल्ली: देशभर में बढ़ती महंगाई और शिक्षा पर भारी जीएसटी (GST) से जुड़ी चिंताओं को लेकर अरविन्द सर ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि "जनता से भरकर टैक्स का पैसा ले रहें हैं तो इतनी महंगाई क्यों है? शिक्षा पर 18% GST क्यों है? पुल धड़ा धड़ गिर रहे हैं, सड़कें धस रही हैं, और ट्रेन एक्सीडेंट हो रहे हैं। क्या बांग्लादेश जैसा भारत का भी हाल होगा?"
अरविन्द सर ने अपने बयान में सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना की। उनका कहना है कि देश में बढ़ती महंगाई ने आम लोगों की जिंदगी को बेहाल कर दिया है। हालांकि सरकार ने टैक्स के माध्यम से भारी मात्रा में धनराशि प्राप्त की है, लेकिन इसके बावजूद महंगाई पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने टैक्स बढ़ा दिया है, लेकिन इसका प्रभाव आम जनता की जेब पर सीधा पड़ रहा है। रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें जैसे कि खाद्य पदार्थ और दवाइयाँ दिन-ब-दिन महंगी हो रही हैं।”
जनता से भरकर टैक्स का पैसा ले रहें है तो इतनी महंगाई क्यों है? शिक्षा पर 18% GST क्यों है? पुल धड़ा धड़ गिर रहे है, रोड़े धस रही है, ट्रेन एक्सीडंट क्यों हो रहे है❓
— Sandeep Chaudhary commentary (@newsSChaudhry) August 6, 2024
जो बांग्लादेश में हुआ क्या वो भारत में भी हो सकता है❓ ये संदेश को सभी देशवासी तक पहुंचाए 🙏 pic.twitter.com/de2B1IxMdn
शिक्षा पर 18% जीएसटी लगाने की बात पर भी अरविन्द सर ने आपत्ति जताई। उनका कहना है कि शिक्षा का अधिकार संविधान में मौलिक अधिकारों में शामिल है, और इस पर इतनी भारी कर लगाना समाज के कमजोर वर्ग को और भी अधिक दबाव में डाल रहा है। “शिक्षा पर 18% GST लगाने का निर्णय सरकार की सोच को दर्शाता है, जो शिक्षा के अधिकार को आर्थिक बोझ में बदल रहा है।”
इसी के साथ, उन्होंने बांग्लादेश में हाल ही में हुई दुर्घटनाओं और बुनियादी ढांचे की समस्याओं का उल्लेख करते हुए सवाल किया कि क्या भारत भी ऐसी स्थिति का सामना कर सकता है। उन्होंने पुलों के धंसने, सड़क दुर्घटनाओं और रेल हादसों का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएँ समाज की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाती हैं।
अरविन्द सर ने अपनी बात को समेटते हुए सरकार से अपील की कि वह जनता की समस्याओं की ओर ध्यान दे और अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करे। उन्होंने सभी देशवासियों से भी आह्वान किया कि वे इन मुद्दों को गंभीरता से लें और सरकार पर दबाव डालें ताकि देश की समस्याओं का समाधान हो सके।