केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर ममता बनर्जी फिर से सत्ता में आईं तो बंगाल "बांग्लादेश" बन जाएगा। गिरिराज सिंह का यह बयान एएनआई से बातचीत के दौरान आया, जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
गिरिराज सिंह ने कहा, "बंगाल में सरकार ममता बनर्जी की है, स्वास्थ्य मंत्रालय उनके हाथ में है, और लॉ एंड ऑर्डर भी उनके नियंत्रण में है। फिर वह सड़कों पर किसके खिलाफ उतरी हैं? बंगाल में गुंडे उनके, सरकार उनकी, और ड्रामा भी उनका। अगर उन्हें हालात नहीं संभाले जा रहे हैं, तो इस्तीफा दे देना चाहिए।"
यह बयान गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल में एक डॉक्टर के साथ हुए रेप के संदर्भ में दिया। इस घटना ने राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है, और ममता बनर्जी की सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल होने का आरोप लगाया जा रहा है।
ममता बनर्जी एक बार और बंगाल में आ गयी तो बंगाल को बांग्लादेश बना देंगी।
— Panchjanya (@epanchjanya) August 19, 2024
अगर नही संभल रहा है तो दीजिए इस्तीफ़ा।
गुंडे इनके, सरकार इनकी, ड्रामा इनका।
: गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री pic.twitter.com/y8cOZ6pLEp
गिरिराज सिंह ने इस मौके पर ममता बनर्जी की सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और अपराधी बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं। उन्होंने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर वह राज्य में शांति और सुरक्षा कायम नहीं कर सकतीं, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
गिरिराज सिंह के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। टीएमसी के नेताओं ने इसे 'सांप्रदायिक ध्रुवीकरण' का प्रयास बताया और कहा कि भाजपा नेताओं को इस तरह के भड़काऊ बयान देने से परहेज करना चाहिए। टीएमसी के प्रवक्ता ने कहा कि गिरिराज सिंह का बयान बंगाल की जनता के बीच डर फैलाने की कोशिश है और इससे भाजपा की राजनीति की नकारात्मकता का पता चलता है।
इससे पहले भी गिरिराज सिंह ममता बनर्जी और टीएमसी के खिलाफ तीखे बयान दे चुके हैं। उनका यह बयान पश्चिम बंगाल की राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा सकता है, खासकर जब राज्य में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच खींचतान तेज हो रही है।
इस बयान से एक बार फिर से बंगाल की राजनीति में तनाव बढ़ने की संभावना है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा किस दिशा में जाता है।