नई दिल्ली: पंडित जवाहरलाल नेहरू के एक इंटरव्यू में उनके द्वारा दिए गए बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। एक ब्रिटिश पत्रकार को दिए गए इस इंटरव्यू में नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम के प्रति अपनी भूमिका पर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
नेहरू ने कहा, "मैं स्वतंत्रता संग्राम में बिल्कुल भी शामिल नहीं था, बल्कि मैं उसका विरोध कर रहा था।" यह बयान नेहरू की उस छवि के बिल्कुल विपरीत है, जो उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता के रूप में दर्शाती है। उनके इस बयान ने उनके अनुयायियों और इतिहासकारों के बीच बहस छेड़ दी है।
नेहरू ने मुस्लिम लीग के बारे में भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मुस्लिम लीग एक संस्था थी, जो 1911 के आस-पास शुरू हुई थी। मेरा मानना है कि इसे वास्तव में ब्रिटिशों द्वारा प्रोत्साहित किया गया था, ताकि हमारे समाज में विभाजन पैदा किया जा सके।" नेहरू ने यह भी कहा कि ब्रिटिश सरकार ने मुस्लिम लीग को इस उद्देश्य से प्रोत्साहित किया कि भारतीय समाज में फूट डालकर अपनी सत्ता को बनाए रखा जा सके।
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— Dr. Anita Vladivoski (@AnitaVladivoski) August 17, 2024
"मैं आज़ादी की लड़ाई में बिल्कुल भी शामिल नहीं था। बल्कि मैंने इसका विरोध किया था।"
:नेहरू
नेहरू एक ब्रिटिश पत्रकार को इंटरव्यू दे रहे हैं
नेहरू खुद स्वीकार कर रहे हैं कि यह सच्चाई है मैंने कभी आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया pic.twitter.com/BjubalVpVZ
उनका मानना है कि ब्रिटिशों की इस रणनीति ने आंशिक रूप से सफलता पाई, और अंततः इसका परिणाम भारत के विभाजन के रूप में सामने आया। विभाजन के संदर्भ में नेहरू ने बताया, "अब, आपने और श्री गांधी ने इसका समर्थन किया होता, लेकिन श्री गांधी अंत तक इसके खिलाफ थे। जब विभाजन हुआ, तब भी वे इसके पक्ष में नहीं थे। मैं भी इसके पक्ष में नहीं था, लेकिन अंत में मैंने, जैसे कि कई अन्य लोगों ने किया, यह सोचा कि इस निरंतर समस्या से बेहतर है कि विभाजन हो जाए।"
नेहरू का यह बयान उस समय आया है, जब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और विभाजन की घटनाओं की ऐतिहासिक समीक्षा पर चर्चा जोरों पर है। उनके बयान ने इस बात को लेकर भी सवाल उठाए हैं कि भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के दौरान नेतागणों के बीच कितनी मतभिन्नता थी, और इस विभाजन के लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।
यह इंटरव्यू और नेहरू का बयान स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक समझ को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता पर जोर देता है, और इस पर चर्चा का एक नया अध्याय खोलता है।
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