जयपुर: हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा की आत्महत्या के बाद समाज में उबाल आ गया है। वरिष्ठ समाजसेवी और राजनीतिक कार्यकर्ता रवि मेघवाल ने आज प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि बाबूलाल बैरवा की मृत्यु को आत्महत्या मानना गलत है, यह एक सुनियोजित मर्डर है। उन्होंने समाज के सभी लोगों से अपील की है कि वे तुरंत प्रभाव से एसएमएस हॉस्पिटल की मोर्चरी पर पहुंचें और न्याय की मांग में साथ खड़े हों।
रवि मेघवाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा हमारे समाज के ईमादार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे। उनकी मौत को आत्महत्या के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, लेकिन यह सच नहीं है। उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें चार लोगों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे हुए हैं। इन चारों में से एक एडीशनल एसपी जगदीश व्यास, सब-इंस्पेक्टर अनिल शर्मा, सब-इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह और एक पत्रकार कमल टेगड़ा शामिल हैं। ये लोग बाबूलाल बैरवा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।"
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— आदिवासी समाचार (@AadivasiSamachr) August 22, 2024
और आप लोगों पता सुसाइड नोट में चार लोगों का नाम है pic.twitter.com/0rZSkZRmTr
रवि मेघवाल ने जोर देकर कहा कि यह मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का है और इसे उसी दृष्टिकोण से जांच की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि इन चारों आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और न्याय की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। मेघवाल ने स्पष्ट किया कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक समाज चुप नहीं बैठेगा।
उन्होंने कहा, "हम टस से मस नहीं होंगे, जब तक इन चारों दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता। समाज का हर व्यक्ति बाबूलाल बैरवा के साथ हुई इस नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा है। हम सभी से अपील करते हैं कि आज सभी एसएमएस हॉस्पिटल की मोर्चरी पर पहुंचे और अपने समर्थन को प्रदर्शित करें।"
रवि मेघवाल की इस अपील के बाद सोशल मीडिया पर भी भारी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, जहां समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है, और सभी की नजरें अब सरकार और पुलिस प्रशासन पर टिकी हैं।