वायनाड, केरल – हाल ही में वायनाड जिले में आए भूस्खलन ने हजारों लोगों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा ने 250 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और दर्जनों गांवों को प्रभावित किया। लेकिन इस कठिन समय में एक मुस्लिम दुकानदार की दरियादिली ने सबका दिल छू लिया है।
वायनाड भूस्खलन पीड़ितों की मदद के लिए एक मुस्लिम दुकानदार ने अपनी दुकान का सारा सामान खाली कर दिया।
— Mr_CooL (@MR_CooL77777) July 31, 2024
"बस भाई, क्या तुम ठीक हो?"
दुकानदार: "चाहे आप कितना भी दे दें, यह पर्याप्त नहीं होगा!" pic.twitter.com/hSfBm0fqpi
स्थानीय व्यापारी, जो एक छोटी सी दुकान चलाते हैं, ने अपनी पूरी दुकान का सामान भूस्खलन पीड़ितों के बीच बांटने का फैसला किया। उन्होंने न केवल खाने-पीने की वस्तुएं, बल्कि अन्य जरूरी सामान भी पीड़ितों के लिए मुफ्त में प्रदान किया। दुकानदार का कहना था, “चाहे आप कितना भी दे दें, यह पर्याप्त नहीं होगा। बस भाई, क्या तुम ठीक हो?”
इस कठिन समय में उनकी इस महानता ने सबको सिखाया है कि मानवता और करुणा किसी भी संकट से बड़ी होती है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दुकानदार की इस मदद की झलक देखी जा सकती है। वीडियो में, दुकानदार पीड़ितों को अपनी दुकान से सामान बांटते हुए दिखाई दे रहे हैं, और उनका यह प्रयास उनके असली साहस को दर्शाता है।
ये राहुल और प्रियंका गांधी हैं। जिस वायनाड में 250 से ज्यादा लोगों की जान गई है, ऐसे खतरनाक भूस्खलन स्थल पर पहुंचे हैं।
— Krishna Kant (@kkjourno) August 1, 2024
एक वो हैं जो देश की सबसे तगड़ी सुरक्षा और सबसे उंचा पद लेकर अपने आवास में भी हमेशा असुरक्षित रहते हैं और मंच पर आकर रो देते हैं।
साहस संसद में छाती पीटने से… pic.twitter.com/kUg2Uz7vRr
इस बीच, राहुल और प्रियंका गांधी भी वायनाड पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और राहत कार्यों की समीक्षा की। राहुल गांधी ने इस भूस्खलन को राष्ट्रीय त्रासदी बताते हुए कहा कि यह संकट केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक है, और इससे मिलकर निपटना होगा। प्रियंका गांधी ने भी इस समय पीड़ितों को सांत्वना दी और राहत कार्यों की गहरी सराहना की।
वायनाड भूस्खलन की घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि इस संकट के समय भी, साहस और दया का असली मतलब किस प्रकार कार्यों में दिखता है। गांधी परिवार के नेताओं की मंशा और इस दुकानदार की मानवता ने सबको यह समझाया कि सच्चा साहस केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में दिखाई देता है।