अमेरिका में हाल ही में एक हैरान करने वाला वाकया हुआ जब 40 हैकर्स के एक समूह ने चुनाव आयोग के सामने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को हैक कर दिखाया। इस घटना ने पूरे देश में खलबली मचा दी है, खासकर तब जब हैकर्स ने EVM से गाने बजाकर उसकी सुरक्षा प्रणाली को चुनौती दी।
यह हैकिंग प्रदर्शन अमेरिका के एक साइबर सुरक्षा सम्मेलन में आयोजित किया गया था। इस आयोजन में दुनिया भर के सुरक्षा विशेषज्ञ और हैकर्स शामिल थे। इस प्रदर्शन का उद्देश्य EVM की सुरक्षा को परखना और यह दिखाना था कि कैसे एक अत्यधिक सुरक्षित माने जाने वाले उपकरण को भी हैक किया जा सकता है। हैकर्स ने न सिर्फ EVM को हैक किया, बल्कि उसमें से गाने बजा कर यह भी साबित कर दिया कि मशीन के आंतरिक सिस्टम तक उनकी पहुंच हो सकती है।
इस घटना के बाद अमेरिकी चुनाव आयोग के अधिकारी पूरी तरह से हैरान रह गए। EVM की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए, उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से चुनावी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर खतरा मंडराने लगता है। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शन नियंत्रित वातावरण में किया गया था और वास्तविक चुनाव में EVM की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाते हैं।
BIG BREAKING 📢
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 17, 2024
अमेरिका के चुनाव आयोग के सामने 40 हैकर्स ने खुलेआम #EVM को हैक करके दिखा दिया तो वहाँ चुनाव आयोग भी दंग रह गया,
हैकर्स ने #EVM से गाने भी बजा कर दिखा दिये,
अमेरिका की टेक्नोलॉजी भारत से कहीं ज़्यादा एडवांस हैं, जब वहाँ की बनी EVM हैक हो सकती है तो भारत में बनी… pic.twitter.com/xcBnr4lE58
भारत में EVM की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने भारतीय चुनाव आयोग के लिए भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। भारत में भी EVM की सुरक्षा पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि भारतीय चुनाव आयोग हमेशा से यह दावा करता रहा है कि उसकी EVM पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इन्हें हैक नहीं किया जा सकता। लेकिन जब अमेरिका जैसे टेक्नोलॉजी में अग्रणी देश में EVM को हैक किया जा सकता है, तो यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या भारतीय EVM भी सुरक्षित हैं?
यह घटना निश्चित रूप से EVM की सुरक्षा पर फिर से विचार करने की जरूरत को उजागर करती है। चाहे वह अमेरिका हो या भारत, चुनावी प्रक्रियाओं की शुद्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव आयोगों को अब अपनी सुरक्षा प्रणाली को और भी सुदृढ़ करना होगा और नई तकनीकों को अपनाने के लिए तैयार रहना होगा ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना ने पूरे विश्व में चुनावी प्रक्रियाओं की सुरक्षा पर गंभीर चर्चा की जरूरत को जन्म दिया है।