उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक विवेक वर्मा के पिता राम सरन वर्मा ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राम सरन वर्मा ने अपनी पार्टी की सरकार पर सवाल उठाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल की सराहना की और उन्हें मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बेहतर मुख्यमंत्री बताया। उनके इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
राम सरन वर्मा, जो खुद भाजपा सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं, ने बसपा के शासनकाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि मायावती के कार्यकाल में रिश्वतखोरी जैसी समस्याएं नहीं थीं। उन्होंने कहा, "मायावती के शासनकाल में शासन-प्रशासन में अनुशासन और पारदर्शिता थी, जबकि वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का बोलबाला है।"
यूपी की योगी सरकार अपनों के ही निशाने पर है. अब पूर्व मंत्री राम सरन वर्मा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को भरे मंच से बेकार और नाकारा कह दिया है. उन्होंने अपनी ही सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े कर बसपा सुप्रीमो मायावती की तारीफ की है. देखिए उन्होंने क्या कहा?#YogiAdityanath #CMYogi… pic.twitter.com/nUbjT0iw8W
— ABP News (@ABPNews) August 28, 2024
मंगलवार को बीसलपुर मंडी में धरना प्रदर्शन शुरू करते हुए राम सरन वर्मा ने खुले मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। उन्होंने सीएम योगी को "बेकार" और "नकारा" मुख्यमंत्री कहकर उनकी कड़ी आलोचना की। राम सरन वर्मा ने कहा, "मैं खुद भाजपा का हूं, लेकिन मैं तो लोगों से कहता हूं कि अब तक जितने मुख्यमंत्री हुए हैं, उनमें योगी आदित्यनाथ सबसे बेकार और नकारा मुख्यमंत्री हैं।"
उन्होंने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने आवारा पशुओं की समस्या को लेकर भी सरकार की आलोचना की। राम सरन वर्मा ने कहा, "आवारा पशुओं की समस्या ने किसानों की जिंदगी मुश्किल कर दी है। सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे किसान परेशान हैं।"
उनका धरना प्रदर्शन अनिश्चितकाल के लिए शुरू हो गया है, जिसमें वे आवारा पशुओं समेत अन्य समस्याओं के समाधान की मांग कर रहे हैं। राम सरन वर्मा का यह विरोध प्रदर्शन भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब, जब वे खुद पार्टी के वरिष्ठ सदस्य और विधायक के पिता हैं।
राम सरन वर्मा के इस कदम ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। जहां विपक्षी दलों ने इस बयान को योगी सरकार की नाकामी के प्रमाण के रूप में देखा, वहीं भाजपा के अंदरूनी हलकों में भी इस पर चर्चा शुरू हो गई है। अब देखना यह है कि पार्टी इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया देंगे।