झांसी में एक बार फिर से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के बिजौली गांव में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ तीन युवकों द्वारा गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है और न्याय की उम्मीदों को एक बार फिर जगा दिया है।
घटना मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे की है जब लड़की शौच के लिए घर से बाहर निकली थी। उस वक्त तीन युवकों ने उसका अपहरण कर लिया और उसे एक कार में डालकर ले गए। चार घंटे तक चलती कार में, आरोपियों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बीच लड़की को धमकाया गया कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी से भी बताया, तो उसकी और उसके परिवार की हत्या कर दी जाएगी।
घटना के बाद, आरोपियों ने लड़की को उसके घर से लगभग 15 किलोमीटर दूर करौंदी माता मंदिर के पास बीच सड़क पर फेंक दिया और मौके से फरार हो गए। लड़की उस समय बहुत डरी-सहमी थी और नंगे पैर ही अपनी बुआ के घर पहुंची। वहां उसने बहुत देर तक किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन बाद में अपनी बुआ को पूरी घटना की जानकारी दी।
पीड़ित परिवार ने बुधवार को प्रेमनगर थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है और अन्य दो आरोपियों की तलाश जारी है। शुरुआती जांच में, दो आरोपियों के नाम सामने आए हैं - सोनू और मनीष, जो गांव के ही निवासी हैं। तीसरे आरोपी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
सीओ सदर स्नेहा तिवारी ने पुष्टि की है कि एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी करवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और सभी आरोपी जल्द से जल्द पकड़ लिए जाएंगे।
झांसी में सोनू पंडित और मोनू पंडित ने नाबालिक लड़की का चलती कार में गैंगरेप किया
— Surya Samajwadi (@surya_samajwadi) August 21, 2024
मांग में सिंदूर भरा, लड़की को बेहोशी की हालत में छोड़कर चले गए, लड़की को जान से मारने की धमकी
उम्मीद है योगी जी इनका भी नाम सदन में पढ़ेंगे pic.twitter.com/tYSTGaSJmZ
इस वारदात ने एक बार फिर झांसी को शर्मसार कर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में, यहां कई दुष्कर्म की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस बार का मामला अधिक गंभीर और क्रूर है। गांव के लोग और पीड़ित परिवार इस घटना को लेकर गुस्से में हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
झांसी में इस प्रकार की घटनाओं को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। जनता भी इस दिशा में जागरूक हो और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाए। न्याय के लिए संघर्षरत पीड़ित परिवार को पूरा समर्थन और सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वे पूरी तरह से न्याय की उम्मीद कर सकें।
इस घटना ने हमें यह एहसास दिलाया है कि समाज में ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सुरक्षा की गारंटी और सख्त कानून की अनुपालना ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है।