वाराणसी: दहेज के लालच में ससुरालियों द्वारा की गई बर्बरता और क्रूरता की एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है। 26 वर्षीय अंजू पांडे ने अपने ससुराल में बिताए गए उन दहशत भरे दिनों के बारे में खुलासा किया है, जिनमें उसे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक यातनाओं का सामना करना पड़ा।
अंजू पांडे ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उसे खाने के लिए टॉयलेट की गंदगी दी जाती थी, पीने के लिए पेशाब दिया जाता था, और उसकी आंखों में मिर्च पाउडर भर दिया जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि ससुराल के लोग उसे बेरहमी से मारते-पीटते थे। अंजू ने बताया कि उसके ननदोई ने उसे गलत निगाहों से देखा और नंदे उसे उल्टा लटकाकर पीटती थीं। इतना ही नहीं, उसके शरीर पर गर्म तेल भी फेंका गया।
मुझे खाने में टॉयलेट खिलाया जाता था.... पीने के लिए पेशाब दिया जाता था ... आंखों में मिर्चा भर दिया...ननदोई गलत निगाह से देखता था...नंदे उल्टा लटका कर मारती थीं... सीने पर तेल फेंक दिया
— Kavish Aziz (@azizkavish) August 13, 2024
26 साल की अंजू को ससुरालियों ने दहेज के लालच में उसका जीवन नरक बना दिया। अंजू पहले से बेहतर… pic.twitter.com/3mYYmy5HjQ
अंजू के मुताबिक, इन सब यातनाओं के बावजूद, वह कभी भी अपनी आत्ममूल्यता नहीं भूली और न्याय की आशा करती रही। दहेज की मांग के चलते उसके ससुरालवालों ने उसका जीवन असहनीय बना दिया। अंजू की इस दर्दनाक कहानी ने दहेज प्रथा के खिलाफ और अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को उजागर किया है।
अंजू की स्थिति अब पहले से बेहतर है, लेकिन उसका पूरा शरीर घावों से भरा हुआ है। उसकी हालत देखकर यह साफ होता है कि ससुरालवालों ने उसे मानसिक और शारीरिक दोनों ही प्रकार की यातनाओं का शिकार बनाया।
इस घटना ने समाज के एक हिस्से को शर्मसार कर दिया है और यह सवाल उठाया है कि क्या दहेज प्रथा के खिलाफ कड़े कानून और जागरूकता अभियान भी इस प्रकार की क्रूरता को पूरी तरह समाप्त कर पाने में सक्षम हैं?
अंजू के परिवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और इस मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई है। समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ और सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी और को ऐसी यातनाओं का सामना न करना पड़े।