शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश: एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है जिसमें राजकीय मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि डॉक्टर अनिल राज मरीजों को निजी तौर पर देख रहे हैं और उन्हें प्रतिदिन सात हजार रुपये की दवा लिख रहे हैं, जबकि वही दवा अन्य मेडिकल स्टोरों पर केवल 11 सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से उपलब्ध है।
तिलहर के गांव महमदपुर निवासी रजनीश कुमार ने खुलासा किया है कि उनके पिता रीतराम की तबियत हाल ही में बिगड़ गई थी। 15 दिन पहले उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। रजनीश के अनुसार, डॉक्टर ने उन्हें एक विशिष्ट मेडिकल स्टोर से दवा लाने को कहा, जिसकी कीमत प्रतिदिन सात हजार रुपये थी।
हालांकि, 10 मई को जब रिश्तेदार संतराम ने देखा कि दवा की कीमत दूसरे मेडिकल स्टोर पर 11 सौ रुपये है, तो उन्होंने इसका रैपर दिखाया और दवा खरीदी। इस खुलासे के बाद डॉक्टर की नाराजगी सामने आई और उन्होंने तीमारदार को गालियां दीं और मरीज को बेड से उतारने का प्रयास किया।
इस मामले में चौक कोतवाली इंस्पेक्टर प्रवेश सिंह ने बताया कि डॉक्टर अनिल राज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस खुलासे ने चिकित्सा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
रजनीश ने बताया कि उनके पिता अब भी जमीन पर लेटे हुए हैं और उनका इलाज जारी है। यह मामला न केवल चिकित्सा की नैतिकता को चुनौती देता है बल्कि जनता की विश्वासनीयता को भी प्रभावित करता है।
स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच तेज कर दी है और डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जनता की अपेक्षा है कि इस मामले में उचित कार्रवाई हो और दोषियों को सजा मिले, ताकि भविष्य में इस तरह के भ्रष्टाचार की पुनरावृत्ति न हो।