तेहरान/न्यूयॉर्क: ईरान ने आज संयुक्त राष्ट्र को एक गंभीर पत्र भेजते हुए सूचित किया कि वह आत्मरक्षा के अधिकार का उपयोग करते हुए इजरायल पर जवाबी हमला करेगा। इस कार्रवाई के लिए ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 का हवाला दिया, जो सदस्य देशों को आत्मरक्षा का अधिकार प्रदान करता है जब उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता पर आक्रमण होता है।
ईरान का यह कदम उस समय सामने आया है जब इजरायल के साथ तनावपूर्ण स्थिति लगातार बढ़ रही है। ईरानी सरकार ने दावा किया है कि इजरायल की ओर से किए गए हालिया आक्रमणों और कार्रवाईयों ने उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है। ईरान ने यह भी कहा कि उसकी जवाबी कार्रवाई पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत होगी।
BIG BREAKING NEWS 🚨 Iran notifies the UN that it would carry out a retaliatory att*ck on Israel in self-defense
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) August 1, 2024
Iran quotes Article 51 of the UN charter.
Fresh Challenge for Israel.
UN Secretary-General Antonio confirmed in a phone call to the Iranian Foreign Minister that… pic.twitter.com/JJQPcGxjSv
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरानी विदेश मंत्री को फोन किया और ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि की। महासचिव ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 51 सदस्य देशों को आत्मरक्षा का अंतर्निहित अधिकार प्रदान करता है। हालांकि, हमें इस स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सभी पक्षों से संयम और संवाद की अपील करनी चाहिए।"
इजरायल के लिए यह एक नई चुनौती है। इस क्षेत्रीय संघर्ष के गहरे होते तनाव ने वैश्विक समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की स्थिति से व्यापक संघर्ष और अस्थिरता का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
वहीं, वैश्विक नेताओं ने इस विवाद को शांति के माध्यम से सुलझाने की अपील की है। कई देशों ने ईरान और इजरायल दोनों से संयम बरतने की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर समाधान खोजने की बात की है।
अब यह देखना होगा कि ईरान की ओर से उठाए गए इस कदम का अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और क्षेत्रीय सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी नई घटनाएँ सामने आ सकती हैं।