देश में जारी सामाजिक और राजनीतिक बदलावों के बीच, समाजशास्त्र के जाने-माने विद्वान, प्रोफेसर दिलीप मंडल ने सरकार की एक नई रणनीति पर चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार एससी-एसटी समुदाय को विभाजित कर, अब वक़्फ़ संपत्तियों पर समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करेगी। प्रोफेसर मंडल के अनुसार, इस मुद्दे पर बिना किसी स्पष्टता और समाधान के, कोई भी समर्थन नहीं देना चाहिए।
प्रोफेसर मंडल ने स्पष्ट किया कि सरकार वक़्फ़ संपत्तियों की जमीन को एससी-एसटी के भूमिहीन लोगों में बाँटने की बजाय, इसे बिल्डरों को देने की योजना बना रही है। उनका कहना है कि यह कदम सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है, और इसके परिणामस्वरूप एससी-एसटी समुदाय के लोगों को और भी अधिक हाशिए पर धकेल दिया जाएगा।
सावधान। ‼️🚨सरकार एससी-एसटी को बाँटकर अब हमसे वक़्फ़ पर समर्थन माँगेगी। बिल्कुल नहीं पड़ना है इस मामले में।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) August 7, 2024
सरकार डील करे। वक़्फ़ से छुड़ाई गई ज़मीन एससी-एसटी भूमिहीनों में बाँटोगे क्या? या बिल्डरों को दोगे?
बिना ये पक्का हुए इस मामले में कोई नहीं बोलेगा।
प्रोफेसर मंडल ने कहा, "हमारी सरकार की नीति में हमें सावधान रहना होगा। वक़्फ़ की जमीन को सही तरीके से विभाजित किया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि यह एससी-एसटी के भूमिहीनों को मिले। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह हमें और हमारी आगामी पीढ़ियों को नुकसान पहुंचाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि बिना इस मुद्दे पर ठोस और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के, किसी भी तरह के समर्थन को अस्वीकार करना चाहिए। उनका मानना है कि सरकार को वक़्फ़ से संबंधित सभी मुद्दों को पारदर्शिता के साथ निपटाना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि एससी-एसटी समुदाय को उचित अधिकार मिले।
प्रोफेसर मंडल का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देशभर में वक़्फ़ संपत्तियों के दुरुपयोग की खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाएं और सुनिश्चित करें कि वक़्फ़ संपत्तियों का सही तरीके से वितरण हो।
इस प्रकार, प्रोफेसर दिलीप मंडल की चेतावनी ने वक़्फ़ और एससी-एसटी समुदाय के अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है, जो आगे चलकर सामाजिक और राजनीतिक मंच पर बड़ा मुद्दा बन सकता है।