नई दिल्ली: आरएसएस (राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) के बंटवारे पर दिए गए अपने तथाकथित समर्थन को वापस ले लिया है। आरएसएस के नंबर दो दत्तात्रेय होसबले ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि संघ ने कभी इस बंटवारे का समर्थन नहीं किया था, बल्कि मीडिया ने उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, जिससे समाज में भ्रम फैल गया।
आरएसएस की ओर से जारी किए गए स्पष्टीकरण में कहा गया है, “हमने कभी भी एससी और एसटी के बंटवारे का समर्थन नहीं किया। हमारे बयान को मीडिया ने ग़लत तरीके से छापा, जिससे गलतफहमियां उत्पन्न हुई हैं। आरएसएस संविधान द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण का समर्थन करता है और इस व्यवस्था में किसी भी प्रकार के बदलाव का प्रस्ताव संविधानिक व्यवस्था के तहत ही किया जाना चाहिए।”
इस स्पष्टीकरण ने उन लोगों को राहत दी है, जो पिछले कुछ दिनों से आरएसएस के कथित बयान के कारण चिंतित थे। दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि इस विवाद को लेकर सरकार को भी ध्यान देने की आवश्यकता है और एकता बनाए रखने की बात की।
BREAKING MEWS- आरएसएस ने एससी एसटी बँटवारे पर दिया अपना तथाकथित समर्थन वापस ले लिया है। आरएसएस के नंबर दो दत्तात्रेय होसबले की ओर से आया स्पष्टीकरण कि ऐसा कोई समर्थन दिया ही नहीं गया था।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) August 8, 2024
आरएसएस ने कहा कि उनके बयान को मीडिया ने ग़लत छापा, जिससे भ्रम फैला।
स्पष्टीकरण में आगे… pic.twitter.com/AmWJvlAbuv
आरएसएस की इस स्पष्टता ने विभिन्न समुदायों में एक नई उम्मीद जगा दी है और इस मुद्दे पर चल रही अटकलों को भी समाप्त किया है। इस स्थिति के पीछे मीडिया की भूमिका और गलतफहमी के मुद्दे को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
इस बीच, सोशल मीडिया और राजनीतिक क्षेत्र में इस घटना पर गर्मागर्म चर्चाएं जारी हैं। राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन इस मसले पर सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं और आरएसएस की स्थिति को लेकर उनकी प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि जब भी किसी संवेदनशील मुद्दे पर बयान आते हैं, तो मीडिया की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। आरएसएस के बयान को लेकर इस तरह की गलतफहमियों से बचने के लिए सभी पक्षों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
अभी भी लोगों में इस मुद्दे को लेकर काफी उत्सुकता बनी हुई है और आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि इस पर और कौन-कौन से पहलू सामने आते हैं।