बीजेपी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द किए जाने की मांग की है। स्वामी का आरोप है कि राहुल गांधी ने कथित तौर पर ब्रिटिश नागरिकता ली थी, जो उन्हें भारतीय संविधान के तहत भारतीय नागरिक बने रहने के अयोग्य बनाता है।
इस याचिका में स्वामी ने दावा किया है कि राहुल गांधी ने अपने ब्रिटिश नागरिक होने के सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जिसमें उन्हें 'राहुल विन्सी' के नाम से पहचान दी गई थी। स्वामी का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश की नागरिकता ग्रहण करता है, तो वह भारतीय नागरिकता नहीं रख सकता है। इसलिए उन्होंने न्यायालय से राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग की है।
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— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) August 16, 2024
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द किए जाने की मांग उठाई है।
इस याचिका पर अगले सप्ताह उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है।
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यह याचिका राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा का विषय बन गई है। स्वामी, जो अक्सर अपने तीखे बयानों और विवादास्पद मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते हैं, ने इस बार राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। स्वामी ने इससे पहले भी कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है, लेकिन इस बार उनका ध्यान पूरी तरह से राहुल गांधी की नागरिकता पर केंद्रित है।
हाई कोर्ट में इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। इस याचिका पर फैसला आने के बाद इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने अब तक इस मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे स्वामी की तरफ से राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम बताया है, जो केवल कांग्रेस और उसके नेताओं को बदनाम करने का प्रयास है।
सुब्रमण्यम स्वामी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब देश में अगले आम चुनावों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस प्रकार की याचिकाएं और आरोप-प्रत्यारोप अक्सर चुनावी मौसम में सामने आते हैं, जिससे राजनीति में गर्माहट बढ़ जाती है। अब यह देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या राहुल गांधी को इस याचिका का सामना करने के लिए कोई औपचारिक स्पष्टीकरण देना होगा।