अयोध्या में एक 17 वर्षीय किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म का प्रयास करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि आरोपी ने किशोरी के चिल्लाने पर उसे बुरी तरह पीटा, जिससे वह बेहोश हो गई। यह घटना उस समय की है जब किशोरी की मां दोनों आंखों से विकलांग हैं और पिता मजदूरी के लिए घर से बाहर रहते हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए किशोरी की मां ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया। महिला के अनुसार, बीकापुर कोतवाली पुलिस ने उनकी शिकायत को दर्ज नहीं किया और उल्टा उन्हें थाने से भगा दिया। यह सुनकर महिला का हौंसला टूट गया, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय पूरे समर्पण के साथ शिकायत को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय का भी दौरा किया।
किशोरी की मां ने आज सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायत पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। महिला का कहना है कि उसने कई बार न्याय के लिए दरवाजे खटखटाए, लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी।
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— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) August 3, 2024
👉🏾 17 वर्षीय किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म का प्रयास। लडकी के चिल्लाने पर मार मार कर किये बेहोश।
👉🏾 किशोरी की मां दोनों आंख से विकलांग है। पिता बाहर मजदूरी करता है। बेटी के साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत लेकर कभी थाने तो कभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर लगा रही है।… pic.twitter.com/zE9oC1C0oz
इस बीच, अयोध्या में ही एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 12 वर्षीय बच्ची के साथ बार-बार दुष्कर्म की घटनाओं की रिपोर्ट है। बच्ची की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है और वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। इस मामले में पुलिस ने अब जाकर कार्रवाई शुरू की है, लेकिन सवाल उठता है कि इतनी देर से कार्रवाई क्यों की गई?
इस प्रकार के मामलों में पुलिस की निष्क्रियता और त्वरित कार्रवाई की कमी से समाज में गहरा आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए सख्त कानून व्यवस्था की आवश्यकता है। सभी नागरिकों और संगठनों को चाहिए कि वे इस तरह के मामलों को लेकर आवाज उठाएं और पीड़ितों को उचित न्याय दिलाने के लिए सरकार और पुलिस पर दबाव बनाए रखें।
इस संकटपूर्ण स्थिति में समाज और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे न केवल न्याय दिलाएं, बल्कि अपराधियों के खिलाफ कठोर सजा सुनिश्चित करें ताकि ऐसे अमानवीय कृत्य भविष्य में दोहराए न जा सकें।